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MP में बढ़ेंगे सोयाबीन के दाम ? मोहन कैबिनेट का फैसला; केंद्र को भेजा प्रस्ताव!

भोपाल; किसानों के आंदोलन के बीच मप्र की मोहन सरकार ने सोयाबीन के दाम 4800 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सोयाबीन का एमएसपी 4800 रुपए करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अगर केंद्र सरकार की तरफ से अप्रूवल मिलता है तो फिर दाम 4800 रुपए हो सकते हैं। मध्य प्रदेश में फिलहाल सोयाबीन का मार्केट रेट  4000 रुपए क्विंटल है, ऐसे में मोहन सरकार ने करीब 800 रुपए तक बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसके लिए केंद्र सरकार की सहमति जरूरी है।

वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार जैसी डिमांड करेगी वैसे केन्द्र सरकार सोयाबीन की खरीदी कराएगी। भोपाल में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन को लेकर कहा नरेंद्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4 हजार 994 रुपए प्रति क्विंटल तय है और हमारी प्रतिबद्धता है कि हम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का सोयाबीन खरीदेंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सोयाबीन खरीदी के लिए योजना है महाराष्ट्र कर्नाटक जैसे तीन राज्यों ने सोयाबीन खरीदी की मांग की थी और उनको PSS योजना के तहत सोयाबीन खरीदी की अनुमति दी गई है।

शिवराज सिंह चौहान के बयान पर मप्र के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पलटवार करते हुए कहा- शिवराज जी के कहने और करने में फर्क है। क्या शिवराज जी का गृह राज्य मप्र नहीं हैं। जब आप दूसरे राज्यों में सोयाबीन की खरीदी करा सकते हैं तो आपको सबसे पहले मप्र से शुरु करानी चाहिए थी। उमंग सिंघार ने कहा- क्या मुख्यमंत्री कांग्रेस का है? आपके मुख्यमंत्री है। तो आप ऐसा जवाब दे रहे हैं कि हमें मप्र के मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब करेंगे। क्या आपका अधिकार नहीं हैं। क्या आप मुख्यमंत्री जी को निर्देशित नहीं कर सकते, आपके प्रधानमंत्री निर्देशित नहीं कर सकते कि सोयाबीन की खरीदी की जाए। यहां के किसानों के साथ छल किया जा रहा है। शिवराज सिंह खुद को किसान नेता मानते हैं। इतने साल मुख्यमंत्री रहे किसानों का आंदोलन कुचलने की बात कही जा रही है। किसानों के आंसू पोंछने की बात नहीं करते। आज किसानों का सोयाबीन तत्काल खरीदा जाना चाहिए। केन्द्र सरकार मुख्यमंत्री को क्यों आदेश जारी नहीं करती।