मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिताजी “बाबूजी” पूनमचंद यादव के अवसान से राजनैतिक, प्रशासनिक और आमजन में शोक व्याप्त है। बुधवार सुबह गीता कॉलोनी से निकली उनकी अंतिम यात्रा शहर के प्रमुख मार्ग से होती हुई भूखी माता मंदिर के समीप पहुंची। जहां शिप्रा किनारे “बाबूजी” पूनमचंद यादव की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हुई। यादव परिवार के सबसे बड़े बेटे नंदलाल यादव द्वारा पिताजी को मुखाग्नि दी गई।
वहीं, छोटे बेटे नारायण यादव दादा दयालु और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया में शामिल रहे। बाबूजी को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल मीडिया के साथ ही अंतिम यात्रा में भी बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। सैकड़ों लोगों ने मंच बनाकर अंतिम यात्रा पर पुष्प अर्पित किए और बाबूजी को अश्रुपुरीत श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम यात्रा के दौरान बाबूजी अमर रहे के नारे भी सुनाई दिए।
सोशल मीडिया के माध्यम से देश और प्रदेश के तमाम नेताओं ने अपनी-अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। इसके अलावा अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, अधिकारियों तथा उज्जैनवासियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के उज्जैन स्थित निवास पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।
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