श्री महाकालेश्वर मंदिर में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी गुरुवार पर बाबा महाकाल की भस्म आरती धूमधाम से की गई। इस दौरान बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर श्रंगार किया गया। इसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं को हुआ।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी गुरुवार पर आज बाबा महाकाल रात 3 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया।
इसके बाद बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर शृंगार किया गया। भांग और ड्रायफ्रूट से किए गए भगवान के इस अलौकिक शृंगार को जिसने भी देखा, वह देखता ही रह गया। आज भगवान का शृंगार कर उन्हें नवीन मुकुट से शृंगारित किया गया और फिर महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
अजा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त
29 अगस्त, गुरुवार के दिन अजा एकादशी मनाई जा रही है। 29 अगस्त लगते ही रात 1 बजकर 19 मिनट से एकादशी की तिथि शुरू हो रही है जो अगले दिन 30 अगस्त रात 1 बजकर 37 मिनट पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में व्रत का पारण 30 अगस्त की सुबह 5 बजकर 58 मिनट के बाद किया जा सकता है। अजा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के समय सूर्योदय के बाद माना जाता है. इस समय सिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन पूजा का लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक है और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 3 बजकर 34 मिनट तक है।
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