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उज्जैन; डेंटल क्लिनिक के नाम पर चल रहा था हॉस्पिटल; डॉक्टर के पास नहीं मिली डिग्री, महाकाल कायरो सेंटर सील!

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर इन दिनों मध्यप्रदेश शासन द्वारा फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत उन्हेल रोड ढाबला फंटा पर संचालित होने वाले महाकाल कायरो सेंटर पर मंगलवार को दबिश दी गई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को उज्जैन-उन्हेल रोड स्थित महाकाल कायरो केयर एंड हेल्थ वेलनेस नामक तीन मंजिला हॉस्पिटल पर छापा मारा। यहां बड़ी तादाद में मरीज उपचार के लिए कतार में थे। स्वास्थ्य अमले ने यहां जांच की तो हकीकत चौंकाने वाली रही। डेंटिस्ट की डिग्री से अस्पताल में हड्डी के मरीजों का इलाज किया जा रहा था। इतना ही नहीं एक्स-रे और पैथालॉजी लैब भी यहां अस्पताल प्रबंधन ने खोल रखी थी। अस्पताल में दो मेडिकल स्टोर संचालित होते पाए गए, जो एक ही रजिस्ट्रेशन से थे।

जानकारी देते हुए माधव नगर अस्पताल के प्रभारी विक्रम रघुवंशी ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई थी कि उन्हेल रोड डाबला फंटा पर संचालित होने वाले महाकाल कायरो सेंटर केंद्र को जितेंद्र परमार के द्वारा संचालित किया जा रहा है। लेकिन उनके पास ऐसी कोई विशेष डिग्री नहीं मिली, जिससे कि वह इस केंद्र को संचालित कर सकें। विक्रम रघुवंशी ने बताया, जब हमारी टीम ने जितेंद्र परमार के अस्पताल में लगी उनकी डिग्रियों के बारे में पूछा तो वह इसका कोई जवाब नहीं दे पाए। पहले उन्होंने कहा कि यह सर्टिफिकेट जर्मनी के हैं। फिर उन्होंने अफ्रीका के बताएं और बाद में रतलाम मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई करना बताया।

टीम मेंबर डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि केयर सेंटर को बड़े अस्पताल की तरह चलाया जा रहा था। यहां पर लैब, एक्स-रे की मशीन, मेडिकल, स्वास्थ्य रक्षक दवाई का उपयोग भी मरीजों पर किया जा रहा था। इससे मरीज को किडनी, शुगर, हार्ट संबंधित दिक्कत हो सकती थी। जितेंद्र परमार ने अपना रजिस्ट्रेशन किसी डेंटल क्लिनिक के नाम पर करवा रखा था, वो भी सेंटर पर नहीं मिला। कई अनियमितता मिलने के बाद हमने सेंटर को सील कर दिया। जब जरूरी कागजात सबमिट करेंगे, तब आगे की कार्रवाई होगी, फिलहाल ये सील रहेगा।