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सात सालों से दंडवत प्रणाम कर यात्रा कर रहे ये संत; अब उज्जैन जा रहे गुजरात द्वारकापुरी!

उज्जैन; शुक्रवार को बाबा महाकाल की नगरी में चित्रकूट से एक संत दंडवत प्रणाम करते हुए पहुंचे। उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर में भगवान का पूजन अर्चन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और फिर अपनी यात्रा की शुरुआत की।

दरअसल विश्व कल्याण की भावना को लेकर रामानंदी संप्रदाय के महंत सत्यनारायण दास पिछले 7 वर्षो से करीब 5 हजार किलोमीटर की दंडवत यात्रा कर चुके हैं। शुक्रवार को उनकी यात्रा उज्जैन शहर में पहुंची। उज्जैन के बाद वे दंडवत यात्रा करते हुए गुजरात द्वारकापुरी जाएंगे।

संत से जब उनकी यात्रा के बारे में चर्चा की गई तो उनका कहना था कि सात वर्षों से मैं इसी प्रकार दंडवत प्रणाम करते हुए विश्व कल्याण की कामना को लेकर यात्रा को कर रहा हूं। उन्होंने अपना नाम सत्यनारायण दास बताया जो कि अयोध्या के एक अखाड़े राम नाम की दीक्षा ले चुके हैं। सत्यनारायण दास मूलतः विदिशा के रहने वाले हैं, जिन्होंने सात वर्षों पूर्व विदिशा मे स्थित हनुमान मंदिर से इस दंडवत यात्रा की शुरुआत की थी। इसके बाद से ही वे लगातार दंडवत प्रणाम करते हुए चारधाम, काशी, मथुरा, वृंदावन, मैहर, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, प्रयागराज, देवास में स्थित अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन करते हुए बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन आए हैं।

यात्रा के दौरान लोग करते हैं मदद

सत्यनारायण दास महाराज ने बताया वे संत है और संत के लिए तो सभी जगह सहज होती है। दंडवत यात्रा के दौरान कई तरह के लोग मदद करते है। हालांकि महंत श्री दिन में केवल शुद्ध पानी और फलाहार करते है। एक समय शाम को भोजन करते हैं।

बाबा ने बताया कि उज्जैन के बाद अब इसी तरह द्वारकापुरी गुजरात जा रहे हैं, जहां वे ठाकुर जी के दर्शन करेंगे। इस कठिन यात्रा के बारे में आपने बताया कि मैं प्रतिदिन तीन किलोमीटर तक इस यात्रा को करता हूं। संत के साथ और कोई भी नहीं है, जब उनसे भोजन व प्रतिदिन की अन्य व्यवस्थाओं के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जिनके भरोसे में यह यात्रा कर रहा हूं वही मेरी आवश्यकताओं की पूर्ति भी करते हैं। प्रतिदिन कई श्रद्धालु मुझे मिलते हैं और वही मेरे भोजन व अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंध भी करते हैं। आपने यह भी बताया कि 7 वर्षों में ऐसा एक भी दिन नहीं आया जब मुझे कभी भूखा रहना पड़ा हो यह मुझ पर मेरे प्रभु का आशीर्वाद ही है।