उज्जैन में एक ऐसा मंदिर है जो साल में एक बार खुलता है, वह भी नाग पंचमी के दिन. यह मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है. चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर यह मंदिर साल में एक बार ही क्यों खुलता है.
नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और साल में सिर्फ एक बार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर इसके पट खोले जाते हैं. नाग पंचमी के दिन 24 घंटे के लिए नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट खुलते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्वयं नागराज तक्षक रहते हैं और भगवान शिव की तपस्या करते हैं. इसी वजह से इस मंदिर को पूरे साल बंद रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
पौराणिक मान्यता है कि नागों के राजा तक्षक ने महादेव की कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें अमरता का वरदान दिया. तक्षक नाग ने शिवजी से महाकाल वन में रहने की अनुमति मांगी और शिव ने उन्हें वहां रहने की अनुमति दी.
कहते हैं कि तभी से नागराज तक्षक शिव के साथ रहने लगे. इसलिए यह मंदिर पूरे साल बंद रहता है. नाग पंचमी के दिन, मंदिर को 24 घंटे के लिए खोला जाता है और इस दौरान भारी संख्या में भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करते हैं.

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