उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत होने के साथ ही यहां प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव हो जाता है। इस बार बभी सावन महीने की शुरुआत होते ही भस्म आरती का समय बदल जाएगा। अब बाबा महाकाल की भस्म आरती प्रति सोमवार आधी रात 2:30 बजे से होगी।
भगवान शिव को श्रावण भादो मास अति प्रिय है। यही कारण है कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास की शुरुआत होने के साथ ही यहां प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव हो जाता है। बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। इस बार श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से होगी। इसके बाद बाबा महाकाल की सुबह होने वाली भस्म आरती के समय में बदलाव किया जाएगा। डेढ़ महीने तक मंदिर में भस्म आरती बदले हुए समय के अनुसार ही चलती रहेगी।
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भक्त तो भगवान के लिए तरह-तरह के कठिन उपवास और तप करते ही हैं, लेकिन श्रावण मास में बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागेंगे। पुजारी पंडित शर्मा ने बताया कि इस वर्ष सोमवार के दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती रात 2:30 बजे से शुरू हुई, जबकि सप्ताह के अन्य दिनों में यही भस्म आरती रात 3:00 बजे से शुरू होगी, सावन के महीने में देश-विदेश से लाखो की संख्या में भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आएंगे।
यह व्यवस्था भी होगी शुरू
सावन महीने में देश-विदेश से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चलित दर्शन व्यवस्था की शुरुआत भी मंदिर में की जाती है। श्रद्धालु चलित दर्शन व्यवस्था के तहत बाबा महाकाल की भस्म आरती अधिक से अधिक संख्या में देख पाते हैं, भस्म आरती के समय में बदलाव होने के बाद अब यह व्यवस्था भी शुरू होगी। अब भस्म आरती में परमिशन वाले श्रद्धालुओं के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं को भी चलित भस्म आरती से दर्शन होंगे।
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