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उज्जैन; पटवारी संघ ने 11 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन!

उज्जैन। मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने कोठी पैलेस से रैली निकाली और कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां पर 11 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन दिया। इस दौरान उज्जैन जिले के सभी पटवारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। जिला अध्यक्ष भगवान सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि पटवारी संघ ने रैली निकालकर 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम दिया है। प्रदेश शासन के राजस्व विभाग द्वारा चलाया गया राजस्व महाअभियान 2.0 समाप्त हो चुका है। तथा इस अभियान में प्रदेश के सभी पटवारियों ने कड़ी मेहनत कर दिन रात कार्य किया है। जिससे कारण राजस्व विभाग के नामान्तरण, बटवारे, नक्शा दुरुस्ती, अभिलेख सुधार, ईकेवाईसी के लगभग 50 लाख प्रकरण निराकृत हो गए है। और आमजन को लाभ प्राप्त हुआ है। इस अभियान की सफलता में पटवारियों की मुख्य भूमिका रही है।

शासन एवम प्रशासन के द्वारा यह समस्त कार्य करने वाले पटवारी को इसका श्रेय न देकर उसके कार्य के समीक्षा करने वाले अधिकारियों को इसका श्रेय दिया गया है। जिससे पटवारी वर्ग में आहत एवं निराशा व्याप्त है। शासन ‌द्वारा कोई कार्य नहीं होने पर सारा दोष पटवारी को दिया जाता है। अच्छा कार्य होने पर उनकी प्रशंसा नहीं किया जाना खेदजनक एवं पटवारी के मनोबल को गिराने जैसा कार्य है। इसी क्रम में अभियान अंतर्गत कपितय जिलो में पटवारियों पर दमनकारी नीति के तहत दंडात्मक कार्यवाही की गई है। जिसका हम सभी पुरजोर विरोध करते है। ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि उक्त कार्यवाहियों को तत्काल समाप्त किया जाएं और पटवारियों की वर्षों से लंबित निम्नानुसार न्यायोचित मांगों को तत्काल पूर्ण किया जाए।

उन्होंने कहा ज्ञापन में हमारी प्रमुख रूप से या मांग है कि पटवारियों के लंबित वेतनमान का निराकरण कर वेतनमान संशोधित किया जाये तथा समयमान वेतन विसंगति दूर कर की जाये। प्रदेश के पटवारियों को हडताल अवधि का वेतन जारी करने संबंधित आदेश प्रसारित किए जाएं गल 05 महीनों का वेतन भत्तों के एरियर सहित दिलाया जाय।
साथ ही मान. मुख्यमंत्री महो. की घोषणानुसार नवोदित पटवारियों को 100 प्रतिशत वेतन दिया जाय और सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। मांग नहीं मानी गई तो प्रदेश के सम्पूर्ण पटवारी विरोधस्वरूप दिनांक 19, 20 सितम्बर 2024 को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश पर जाने हेतु बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन की होगी।