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कौन बनेगा कुलगुरु?…विक्रम विवि के लिए कई प्रोफेसर प्रयासरत; ऐसे होगी चयन की प्रक्रिया!

विक्रम विश्वविद्यालय में कुलगुरु का चार वर्षीय कार्यकाल 14 सितंबर को समाप्त हो रहा है। राजभवन से कुलगुरु चयन के लिए विज्ञापन की अंतिम तिथि तक विक्रम विश्वविद्यालय से ही चार प्रोफेसर और शासकीय कॉलेज से दो प्रोफेसर के आवेदन जमा करने की जानकारी मिली है।

ताजा जानकारी में सामने आया है कि नए कुलगुरु चयन प्रक्रिया में आए 70 आवेदन में से 15 आवेदन पैनल बनाने के लिए शार्ट लिस्ट किए गए है। उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु के चयन की प्रक्रिया जारी हैं। तीन सदस्यीय सर्च कमेटी की एक बैठक हो चुकी हैं। इसमें कुलगुरु बनाने के लिए 70 आवेदनों की स्क्रूटनी कर 15 को पैनल बनाने के लिए शार्ट लिस्ट किया गया हैं।

अब इन 15 आवेदनकर्ताओं का सर्च कमेटी के साथ इंटरैक्शन होगा। इसके बाद 5 नाम की पैनल कुलाधिपति, राज्यपाल को भेजी जाएगी। विक्रम विश्वविद्यालय कुलगुरु का कार्यकाल खत्म होने की स्थिति में नए कुलगुरु के चयन और नियुक्ति के लिए एक माह पहले आवेदन आमंत्रित किए गए थे। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुलगुरु बनाने के लिए 70 आवेदन प्राप्त हुए थे।

विक्रम विवि में नए कुलगुरु नियुक्ति की पैनल के लिए मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 (क्रं 22 सन 1973) के अंर्तगत स्थापित कुलपति (अब कुलगुरु) की नियुक्ति अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत नियुक्ति समिति सर्च कमेटी का गठन किया गया। इसमें मप्र के राज्यपाल, कुलाधिपति के प्रतिनिधि के तौर पर महाराज छत्रशाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर मप्र की कुलगुरु प्रो.शुभा तिवारी, उच्च शिक्षा अनुदान आयोग (यूजीसी) प्रतिनिधि सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय मंडी हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो डीडी शर्मा और मप्र राज्य शासन उच्च शिक्षा के प्रतिनिधि के रूप मे महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना मप्र के प्रो. कपिल मिश्रा को शामिल किया गया।

विक्रम विवि का कुलगुरु बनने के लिए 70 आवेदन प्राप्त हुए। बीते दिनों सर्च कमेटी ने सभी आवेदनों की स्क्रूटनी कर इंटरैक्शन के लिए 15 आवेदन सिलेक्ट किए हैं। 15 मे 3 उज्जैन और शेष अन्य विश्वविद्यालय और राज्यों के प्रोफेसर्स के हैं।