उज्जैन; गणेश चतुर्थी उज्जैन सहित सम्पूर्ण प्रदेश में उमंग, उत्साह भक्तिभाव से मनाई जा रही है। श्री चिंतामण गणेश मंदिर प्रशासक श्री अभिषेक शर्मा ने जानकारी दी की श्री चिंतामण गणेश मंदिर भगवान श्री गणेश के ऐतिहासिक, पुराणिक मंदिरों में से एक हैं। भगवान श्री चिंतामण गणेश के मंदिर में भगवान श्री चिंतामण गणेश, श्री इच्छामण गणेश और श्री सिद्धिविनायक गणेश भगवान एक ही प्रतिमा में विराजित होने से यह महूर्त के अधिपति का स्थान हैं। यह एकमात्र मंदिर है जहां वर्षभर विवाह होने कि मान्यता है। श्री गणेश उत्सव के दौरान यहां श्री गणेश अथर्वशीष के पाठ कराने का विशेष महत्व है।
श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान श्री चिंतामण गणेश का विशेष श्रृंगार कर मंदिर कि साज-सज्जा की गई है। इस शुभावसर पर भगवान श्री चिंतामण गणेश का विशेष पूजन अर्चन श्री चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष श्री अर्थ जैन , नगर निगम कमिश्नर श्री आशीष पाठक द्वारा किया गया। पूजन पुजारी श्री गणेश गुरु द्वारा संपन्न कराया गया।
विवाह हेतु क्या है मान्यता ?
प्राचीन समय से श्री चिंतामण गणेश मंदिर आस्था का केंद्र रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन हेतु श्री चिंतामण गणेश मंदिर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्री चिंतामण गणेश मंदिर से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। वहीं, अविवाहित जातक शीघ्र विवाह के लिए श्री चिंतामण गणेश मंदिर आते हैं। इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। इस अवसर पर जातक या उनके माता-पिता विवाह हेतु लग्न कार्ड लिखते हैं और भगवान गणेश के चरणों में समर्पित करते हैं। जब जातक की शादी हो जाती है, तो वर और वधू दोनों ही श्री चिंतामण गणेश मंदिर आकर गणपति बप्पा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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