भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का महत्व पौराणिक मान्यताओं में सबसे खास माना गया है. मान्यता के अनुसार इस दिन गणेश उत्सव पूरी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने-अपने घरों में गणपति को बैठाते हैं. इस बार यह चतुर्थी काफ़ी शुभ योग्य मे मनाई जायगी.
हिन्दू धर्म मे कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य मे सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है. घर-घर में गणपति भगवान की स्थापना की जाती है. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी की पूजा की जाती है
पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगा. वहीं इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा. ऐसे में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना करना शुभ होगा.
कई शुभ योग मे मनाई जायगी गणेश चतुर्थी
हिन्दू धर्म मे हर तिथि व योग्य का बड़ा ही महत्व है. ऐसे मे इस बार गणेश चतुर्थी पर चार शुभ योग बन रहे हैं. सुबह शुरू हो रहा ब्रह्म योग रात के 11 बजकर 17 मिनट तक है. उसके बाद इंद्र योग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सुबह 6 बजकर 2 मिनट से रवि योग बन रहा है. यह योग दोपहर को 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 12 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 3 मिनट तक है.
क्या है इस दिन का महत्व
हिन्दू धर्म मे यह पर्व काफ़ी हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. श्री गणेश चतुर्थी का यह उत्सव पौराणिक कथाओं, संस्कृति, और आध्यात्मिकता से भरा हुआ है. यह पर्व भक्तों के जीवन में श्री गणेश के आगमन का प्रतीक है. जिन्हें प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है. इस महोत्सव के दौरान लोग गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और उनसे सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं.
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