साल 2025 की अक्षय तृतीया को ज्योतिष के दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन एक ऐसा योग बन रहा है जो 24 वर्षों में दोबारा बन रहा है। 26 अप्रैल 2001 के बाद पहली बार ऐसा संयोग बन रहा है, जिसे अक्षय योग कहा जाता है। अक्षय योग का शाब्दिक अर्थ है ऐसा योग जिसका प्रभाव कभी समाप्त नहीं होता, यानी इसके द्वारा प्राप्त फल जीवन में लंबे समय तक टिके रहते हैं। इस कारणवश यह योग विशेष रूप से लाभकारी और मंगलकारी माना जाता है।
अक्षय योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु ग्रह कुंडली के दूसरे, छठे, दसवें या ग्यारहवें भाव में एक साथ स्थित होते हैं। यह योग तब और भी अधिक प्रभावशाली बन जाता है जब चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में हो और सूर्य भी अपनी उच्च राशि मेष में विराजमान हो। यह योग सामान्य रूप से अक्षय तृतीया के दिन होता है। ऐसे में इस दिन बनने वाला अक्षय योग जीवन में स्थायित्व, समृद्धि और सफलता को सुनिश्चित करता है।
इस दुर्लभ योग का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन पांच राशियों के लिए यह विशेष रूप से वरदान साबित हो सकता है। इन 5 राशियों के जातकों को करियर में तरक्की, आर्थिक मजबूती, सामाजिक मान-सम्मान और पारिवारिक सुख मिलने की संभावना रहेगी। ये पांच राशि हैं वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, धनु राशि व मीन राशि के जातकों के लिए यह अक्षय योग आध्यात्मिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टियों से अनुकूल रहेगा।
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