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महामंडलेश्वर पायलट बाबा का निधन; जूना अखाड़े में शोक की लहर, 3 दिन का शोक घोषित!

देशभर में सनातन संस्कृति और योग से धर्म जागरण में अग्रणी महामंडलेश्वर पायलट बाबा सोमनाथ गिरी महाराज का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में देहावसान हो गया। इससे जूना अखाड़े सहित समस्त संत समाज व अखाड़े में शोक की लहर व्याप्त हो गई।

जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के निर्देश पर जूना अखाड़े की प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ किया जा रहा है। जूना अखाड़े ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। इन तीन दिनों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ, हवन और विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। श्री महंत हरि गिरी महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पायलट बाबा सच्चे योगी व समाज, देश की सेवा को तत्पर रहते थे। वह 1974 में विधिवत दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में शामिल हुए और अपनी संन्यास यात्रा प्रारंभ की।

नीलगंगा और हरिद्वार में हुई श्रद्धांजलि सभा

उज्जैन में जूना अखाड़ा नीलगंगा पर सचिव श्रीमहंत रामेश्वर गिरी महाराज, थानापति महंत देव गिरी महाराज, अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ. गोविन्द सोलंकी सहित अन्य भक्तों ने पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी। हरिद्वार में पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत पूर्ण गिरी, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती, कोठारी महंत महाकाल गिरी, महंत रतन गिरी, महंत हीरा भारती, महंत गौतम गिरि, महंत आकाश पुरी, महंत धीरेंद्र पुरी आदि ने श्रद्धांजलि दी। भैरव अखाड़ा घाट पर मां गंगा में श्रद्धासुमन अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

उज्जैन के शैलेषानंद गिरि ने 40 साल पहले ली थी संन्यास दीक्षा

उज्जैन के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेषानंद गिरि महाराज ने कहा कि 40 साल पहले अखाड़े में शामिल होने के बाद संन्यास दीक्षा ली। 2016 में महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया था। महाराज जी ने मुझे सदैव पिता समान स्नेह दिया। उनकी विदाई बेला में मैं अभी मुंबई में हूं। जूना अखाड़े में योगमाता श्रद्धाजी, चेतना जी सहित अनेक लोग उनके चले जाने से स्तब्ध हैं।