ग्वालियर पुलिस ने सोमवार को कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित को गिरफ्तार किया है। पुष्पेंद्र दीक्षित खुद को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पीए (व्यक्तिगत सहायक) बताकर तबादलों का खेल खेलता था।फरेबी कथावाचक अफसरों के साथ बैठकर उनके विभाग की तबादला नीति को भांपता फिर मनचाही पोस्टिंग चाहने वालों के फर्जी तबादला आदेश जारी करता था। उसने सेना, बीएसएफ और पुलिस के अलावा तमाम विभागों में खुलकर सेंध लगाई। अब जालसाज ने पुलिस विभाग में दो निरीक्षकों के तबादले का ठेका लिया था।
इसलिए केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह का निज सचिव जयकिशन बनकर डीजपी सुधीर सक्सेना पर दबाव बना रहा था। हालांकि उसकी चालबाजी नाकाम रही। उसके संदेश और बोलचाल की भाषा को डीजीपी भांप गए। सोमवार को ग्वालियर पुलिस ने जालसाज को दबोच लिया। फरेबी से तबादले की सिफारिश लगवाने वाले दोनों निरीक्षकों को डीजीपी सुधीर सक्सेना के आदेश पर निलंबित किया गया है।
डीजीपी को संदेह हुआ तो उन्होंने गोपनीय तरीके से फोन नंबरों की पड़ताल कराई। दोनों नंबर ग्वालियर के निकले, जिस पर ग्वालियर के पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए। जांच में पता चला कि यह नंबर केंद्रीय मंत्री के पीए नहीं, बल्कि कथावाचक पुष्पेंद्र के हैं, जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उसने तबादले के लिए डीजीपी को फोन करने की बात स्वीकार ली।
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