नर्मदापुरम के लोक निर्माण विभाग में लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है. लोकायुक्त टीम ने लोक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर(EE) को उनके सरकारी आवास से 10 लाख रुपए की रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों पकड़ा है.
जानकरी के अनुसार पीडब्लूडी में पदस्थ ईई आरसी तिरोले द्वारा बैतूल के ठेकेदार से आठ सडक़ों के निर्माण कार्य के मामले में एक्सटेंशन के प्रकरण के एवज में 20 लाख रुपए की मांग की गई थी. परेशान ठेकेदार ने लोकायुक्त में इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद प्लानिंग से ईई आरसी तिरोले को धर दबोचा गया.
20 लाख की रिश्वत मांगी, रंगेहाथ पकड़ा
डीएसपी लोकायुक्त अनिल बाजपेई ने बताया कि शनिवार 27 जुलाई को आवेदक ठेकेदार निवासी बैतूल द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को शिकायत की गई कि उनकी फर्म द्वारा मुलताई एवं भैंसदेही में आठ सडक़ों का निर्माण कराया गया था. जिसमें शेष कार्य के एक्सटेंशन के लिए प्रकरण एसई नर्मदापुरम डिविजन पीडब्ल्यूडी आरसी तिरोले के पास लंबित है. जिसके निराकरण के लिए हम लगातार उनसे मिल रहे थे, मगर वे परेशान कर रहे थे. बाद में अधीक्षण यंत्री तिरोले द्वारा 20 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की गई, जिस पर 12 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था.
शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय भोपाल द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया. जब शिकायत सही मिली तो लोकायुक्त टीम ने रविवार 28 जुलाई को अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग नर्मदापुरम डिविजन को आवेदक से 10 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए उनके सरकारी आवास पर रंगे हाथों पकड़ा.
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