इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन महीने में शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। वहीं धार्मिक नगरी उज्जैन में सावन में शिव के इस मंदिर में सावन उत्सव और महाकाल सवारी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति ने इस बार सावन में महाकाल मंदिर में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई है। ऐसे में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने महाकाल में भस्म आरती से लेकर दर्शन करने तक के लिए नया प्लान बनाया है। जिसके मुताबिक दर्शन करने के समय में ही नहीं बल्कि भस्म आरती के समय और तरीके में भी बदलाव किया गया है।
हर साल सावन या श्रावण मास में महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में विशेष बदलाव किया जाता है। भगवान महाकाल भक्तों के लिए सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। सामान्य दिनों में मंदिर के पट जहां तड़के चार बजे खुलते हैं वहीं श्रावण मास में हर रविवार को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोल दिए जाते हैं। वहीं सोमवार से शनिवार तक मध्य रात्रि में 3 बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। इस बार भी भस्म आरती में शामिल होने के लिए यही व्यवस्था रहेगी।
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकाल मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु को भस्म आरती के दर्शन कराने के उद्देश्य से एक बार फिर मंदिर में चलित भस्म आरती की व्यवस्था शुरू की जाएगी। वहीं श्रावण मास में देशभर से कावड़ यात्री भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। मंदिर समिति पूजन परंपरा के अनुसार दर्शन की व्यवस्था निर्धारित करती है। कावड़ यात्रियों के प्रवेश और निर्गम को लेकर भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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