उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में अब रंगपंचमी के दिन श्रद्धालु अपने साथ रंग नहीं ले जा सकते हैं। होली के दिन भस्म आरती के समय आग लगने की घटना के बाद प्रशासन ने कड़ा फैसला लिया है। इस संबंध में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है।
गौरतलब है कि देश में कोई भी त्योहार है वो सबसे पहले महाकाल के गर्भगृह में मनाने की परंपरा चली आ रही है। हर साल होली और रंगपंचमी पर महाकाल के गर्भगृह में रंग-गुलाल खेला जाता है, लेकिन होली पर हुए हादसे के बाद अब रंगपंचमी पर गर्भगृह के भीतर रंग-गुलाल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि होली के साथ ही रंगपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर में रंगों का त्योहार भी मनाया जाता है, हमने इस बार निर्णय लिया है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति रंगपंचमी पर पलाश के फूल (टेसू) के फूलों से बने हर्बल रंगों की व्यवस्था करेगी।
जिला प्रशासन के मुताबिक रंगपंचमी के दिन 30 मार्च को महाकाल के गर्भगृह में दर्शन किए जा सकेंगे, सांकेतिक हर्बल रंग लगा सकते हैं, लेकिन भक्तों को बाहर से लाए गए रंग-गुलाल लाने की अनुमति नहीं होगी। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। किसी को भी रंग लाने की अनुमति नहीं होगी।

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