देश भर में लगी आचार संहिता के कारण मध्य प्रदेश के उज्जैन में इस साल ज्यादा दीपक जलाने वाला वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं बन पाएगा. मंदिर ट्रस्ट की ओर से इस साल 26 लाख दीपक जलाकर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी थी लेकिन अब सिर्फ 5 लाख दीपक ही जलाए जा सकेंगे. यह कार्यक्रम हर साल होने वाली महाशिवरात्रि पर नहीं बल्कि 9 मार्च गुड़ी पड़वा से शुरू होगा.
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर साल महाशिवरात्रि पर होने वाले शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम अब 9 अप्रैल यानि गुड़ी पड़वा के दिन से शुरू होगा. यह कार्यक्रम 40 दिन तक चलता है. इस कार्यक्रम में हर साल ज्यादा से ज्यादा दीपक जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाता है. शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्ट का लक्ष्य 26 लाख दीपक जलाने का था लेकिन इस साल केवल 5 लाख दीपक ही जलाए जा सकेंगे.
क्या बताया जिला प्रशासन ने?
ये 5 लाख दिए माँ शिप्रा के तट रामघाट पर जलाए जाएंगे और रामघाट को जगमग किया जाएगा. इस बीच नगर निगम के अधिकारियों और जिला प्रशासन ने बताया कि इस बार आचार सहिंता प्रभावशील होने के कारण संस्था ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं बना पाएगी. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान इन दिनों पूरे भारत मे आदर्श आचार संहिता लागू है, जिसके चलते शासकीय, अर्धशासकीय कोई कार्यक्रम नही किये जा सकते हैं. इसलिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने गुड़ी पड़वा विक्रमोत्सव के अवसर पर आयोजित शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम में इस साल 26 लाख दीपकों की बजाय 5 लाख दीपक जलाए जाएंगे.

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