इस्कॉन मंदिर उज्जैन के द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी चार दिवसीय गौर पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत आज गौर कथा के साथ हुई। इस चार दिवसीय आयोजन में रविवार शाम महानगर संकीर्ण और गौ महाभोज होगा। उसके बाद 25 मार्च सोमवार को प्राकट्य उत्सव पर भगवान का पोशाक और फूलों से विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
गौर महोत्सव की जानकारी देते हुए इस्कॉन मंदिर के पंडित राघव दास ने बताया कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु जो कलयुग में स्वयं भगवान कृष्ण के भक्त के रूप में प्रकट हुए हैं, उनका प्राकट्य उत्सव गौर पूर्णिमा 26 मार्च तक मनाई जा रही है। आज इस कार्यक्रम के पहले दिन गौर कथा का आयोजन हुआ, जिसके दौरान शाम को भी भक्तजनों को यह कथा सुनाई जाएगी।
पंडित राघव दास ने बताया कि 24 मार्च को रविवार के दिन शाम को पांच से सात बजे तक महानगर संकीर्तन इस्कॉन मंदिर से महाश्वेता नगर होते हुए महानंदा नगर जाएगा और इसी क्रम में वापस लौटेगा। 25 मार्च को मुख्य प्राकट्य उत्सव के दिन भगवान को नई पोशाक और फूलों के द्वारा विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शाम को 4:30 बजे प्रवचन, 5:30 बजे भगवान का अभिषेक और उसके बाद सात बजे महाआरती होगी।
साथ ही जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के अगले दिन नंद उत्सव मनाया गया था, उसी प्रकार जगन्नाथ मिश्र महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें संध्या के समय आने वाले सभी भक्तों के लिए भंडारा प्रसाद की व्यवस्था की गई है। इस पुण्य अवसर पर पुष्पा और मुरारीलाल मुछाल द्वारा विवाह की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में 24 मार्च रविवार को अनोखे गौ महाभोज का आयोजन प्रातः काल 9:30 बजे से गौशाला में होगा। इसमें गौ माता के लिए 56 प्रकार के खाद्यान्न/वनस्पति उनको अर्पित किए जाएंगे, जो अपने आप में अनूठा और दिव्य है।
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