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उज्जैन में आरटीओ भवन बनकर तैयार; लोकार्पण के 4 महीने बाद भी शिफ्टिंग का इंतजार!

10 साल के इंतजार के बाद दाऊदखेड़ी में करोड़ों की लागत से आरटीओ का नया भवन बनकर तैयार हो चुका है। जिसका लोकार्पण भी करीब चार महीने पहले 2 अक्टूबर 2023 को किया जा चुका है, लेकिन अब तक नए भवन में आरटीओ कार्यालय की शिफ्टिंग नहीं हुई है। आरटीओ कार्यालय दाऊदखेड़ी के नए भवन में शुरू हो इसके लिए आरटीओ संतोष मालवीय हो या फिर पीईयू अधिकारी जतिन सिंह चुंडावत सभी अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। लेकिन, कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर नए भवन में आरटीओ कार्यालय कब से शुरू होगा।

नए भवन में आरटीओ कार्यालय शिफ्ट न किए जाने को लेकर आरटीओ संतोष मालवीय का  कहना है कि पूर्व में किए गए निरीक्षण के दौरान हमें कुछ खामियां मिली थी, पीईयू के अधिकारी भवन में सभी प्रकार की सुविधा होने के बात कह रहे हैं। लेकिन, पहले हम इन कार्यों का निरीक्षण करेंगे, उसके बाद ही शिफ्टिंग का काम किया जाएगा।

वहीं, पीईयू के अधिकारी जतिन सिंह चुंडावत का कहना है कि आरटीओ कार्यालय के भवन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जो भी खामियां निरीक्षण के दौरान  बताई गईं थीं, उन्हें ठीक कर दिया है। हमें इसी बात का इंतजार है कि जल्द से जल्द आरटीओ कार्यालय नए भवन में शिफ्ट हो जाए।

6 करोड़ का प्रोजेक्ट हो गया था 7 करोड़ 31 लाख का
साल 2014 में प्रोजेक्ट के लिए 6  करोड़ रुपये मंजूर होने के बाद करीब 4 साल भवन निर्माण के लिए जमीन तलाशने में लग गए। 2017-18 में दाऊदखेड़ी में लगभग तीन एकड़ जमीन उपलब्ध हो पाई। लेकिन, इस बीच प्रोजेक्ट की लागत 6 करोड़ से बढ़कर 7 करोड़ 31 लाख के करीब पहुंच गई। दाउदेखड़ी में जमीन आवंटित होने के बाद बीते सालों में कीमतों में इजाफा और नए एसओआर आने के कारण लागत बढ़ गई और फिर से काम अटक गया। विभाग ने 1.30 करोड़ का रिवाइज्ड ऐस्टिमेट परिवहन विभाग का भेजा, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद विभाग और तत्कालीन कलेक्टर भोंडवे द्वारा लगातार शासन व विभाग से मांग पत्र भेजे गए। जिसके बाद विभाग की ओर से एस्टिमेट को स्वीकृत कर राशि भेजी गई। पीआइयू के इंजीनियरों ने मई 2023 तक भवन का काम पूरा होने का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा भी किया गया।

निरीक्षण में मिली इन खामियों को किया जा चुका है दूर
पीईयू के अधिकारी बताते हैं कि पूर्व में आरटीओ और अन्य अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में नए भवन में लाइटिंग, फिनिशिंग और इंटरनेट की खामियां निकाली गईं थी। नए भवन में खिड़की दरवाजे, अंग्रेजी के 8 अंक जैसा ड्राइविंग परीक्षण ट्रैक, फिनिशिंग, लाइटिंग, ट्रासंफार्मर और विद्युत पोल लगाने जैसे काम पूरे किए जा चुके हैं।

पुराने आरटीओ भवन में आ रही यह समस्या
वर्तमान में भरतपुरी स्थित परिवहन कार्यालय छोटी-सी जगह में संचालित हो रहा है। यहां एक ही कक्ष में दो से तीन कर्मचारी बैठकर काम कर रहे है। वहीं लाइसेंस बनाने, रिन्यु कराने, टैक्स जमा कराने आने वाले लोगों के लिए बैठने तक की पर्याप्त जगह नहीं है। कार्यालय में रोजाना ही भीड़ के कारण अस्त व्यस्त स्थिति रहती है। यहां आने वाले लोगों को भी इससे परेशानी आती है।