केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस महीने उज्जैन आ सकते है। प्रदेश सरकार द्वारा उज्जैन में बड़ा कार्यक्रम कर प्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस व्यवस्था में नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण बिना कार्यालय के चक्कर लगाए हो सकेगा। रजिस्ट्री के बाद 15 दिन में स्वत: नामांतरण होगा, इसके लिए अलग से आवेदन भी नहीं करना होगा।
साइवर तहसील व्यवस्था लागू होने से रजिस्ट्री होने के 15 दिन बाद क्रेता के पक्ष में नामांतरण हो जाएगा। इसके लिए उसे अलग से आवेदन भी नहीं करना होगा। इसी तरह अविवादित नामांतरण के लिए सभी पक्षों को तहसील कार्यालय आने की जरूरत भी नहीं होगी। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से राजस्व प्रशासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए नई व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें व्यक्ति को कार्यालयों के चक्कर ही नहीं लगाने पड़ेंगे।
यहां हो चुकी है योजना की शुरुआत
प्रदेश के दतिया और सीहोर जिले में 27 मई 2022 को साइबर तहसील का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। 6 अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी और सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई।10 अगस्त 2023 को इसका विस्तार आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा और ग्वालियर में किया गया। बाकी जिलों में इसका विस्तार करने का निर्णय कर सरकार अधिसूचना जारी भी कर चुकी है। इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने के लिए बड़ा कार्यक्रम करके शुरुआत करने की तैयारी है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को आमंत्रित किया है। संभवतः इसी महीने में कार्यक्रम कर साइबर तहसील व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया जाएगा।
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