मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज ने साईं बाबा की पूजा करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि वेद और सनातन परंपरा में साईं बाबा की पूजा मान्य नहीं है। कोई भी पुजारी, पंडित और मंदिरों के पदाधिकारी उनकी पूजा न करें। अगर, किसी हिंदू के घर में साईं बाबा की मूर्ति या फोटो है, तो उसे हटा देना चाहिए। मूर्ति को कुएं में डाल दो और फोटो को आग लगा दो। हमारे हिंदू धर्म में 84 करोड़ देवी-देवता हैं, फिर हम एक फकीर की पूजा क्यों करें? उन्होंने कहा कि शंकराचार्य महाराज और मैं खुद लंबे समय से इस विषय का विरोध कर रहे हैं। अब तक हजारों मूर्तियां हटवाई जा चुकी हैं।
कथा के दौरान उन्होंने देशभर के मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पहले महाकाल मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के नियंत्रण में था, लेकिन अब सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करें और उन्हें फिर से अखाड़ों के हवाले करें। उन्होंने यह दावा भी किया कि तेलंगाना में कुछ स्थानों पर मंदिरों के धन से कसाईखाने तक की सुविधाएं संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं, वहां ‘हिंदू कार्ड’ प्रणाली लागू की जाए। बिना हिंदू कार्ड के किसी को प्रवेश न दिया जाए।

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