सावन के पावन अवसर पर उज्जैन में भगवान महाकाल की ऐतिहासिक सवारी निकली. चंद्रमौलेश्वर स्वरूप और तांडव अवतार में दर्शन देते शिव की झलक पाने के लिए लाखों भक्त उमड़े. सवारी में उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य शहरों में भक्त बाबा भोलेनाथ का पूजन-अभिषेक करने पहुंचे.
शाम को महाकाल की तीसरी सवारी मंदिर से निकली. इसमें भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित हुए, जबकि भगवान श्री मनमहेश को हाथी पर और श्री शिव-तांडव की प्रतिमा को गरूड़ रथ पर विराजित किया गया. सवारी शिप्रा घाट पर पहुंची. यहां भगवान का पूजन किया गया. इसके बाद सवारी वापस मंदिर पहुंची.
इससे पहले सवारी शुरू पर पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया. इसके बाद पालकी में विराजित भगवान को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल ने सलामी दी. सवारी में घुड़सवार पुलिस, सशस्त्र बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली व पुलिस बैंड भी शामिल रहे.
बता दें आज सावन का तीसरा सोमवार है. सावन के महीने में खास तौर पर सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन जलाभिषेक करने का भी बहुत महत्व है. मान्यता है कि सावन महीने के सोमवार को जलाभिषेक करने से बाबा भोलेनाथ भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.
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