मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी कैलाश मकवाना को जब यह जानकारी मिली कि उनके बचपन के स्कूल के साथी सुरेश शाक्य उर्फ हनुमान, जो वर्तमान में पुलिस विभाग में ASI, एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं, तो उन्होंने तमाम जिम्मेदारियों के बीच रिश्तों को तरजीह दी।
डीजीपी मकवाना सीधे एएसआई सुरेश के घर पहुंचे और उनका हालचाल जाना। उन्होंने न सिर्फ सुरेश से, बल्कि उनके परिजनों से भी मुलाकात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। डीजीपी ने परिजनों से कहा कि कोई भी दिक्कत हो तो निःसंकोच बताएं। मैं हर वक्त आपके साथ हूं। सुरेश शाक्य को कुछ माह पूर्व सड़क दुर्घटना से सिर में चोटे आई, जिसके बाद उनकी सर्जरी हुई। अभी भी गंभीर हालत है।
पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना यह कदम
डीजीपी का यह व्यक्तिगत और मानवीय पहलू अब पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गया है। जहां आमतौर पर उच्च अधिकारियों और मातहत कर्मचारियों के बीच एक औपचारिक रिश्ता देखा जाता है, वहीं डीजीपी मकवाना का यह आत्मीय और आत्मीयता से भरा कदम संगठन के भीतर एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करता है।
एक मिसाल बनी यह मुलाकात
डीजीपी मकवाना का यह व्यवहार दिखाता है कि वर्दी के पीछे एक संवेदनशील इंसान भी होता है, जो न केवल विभागीय जिम्मेदारियां निभाता है, बल्कि रिश्तों और मानवीय मूल्यों की भी कद्र करता है।
More Stories
फेसबुक फ्रेंड से मिलने पहुंचा युवक, परिजनों ने 13 घंटों तक बांधकर की पिटाई, वीडियो वायरल!
दो की जगह मिला एक ही लड्डू मिला तो, CM हेल्पलाइन में कर दी शिकायत!
एकतरफा प्रेम में छात्र ने अपनी महिला टीचर को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की करी कोशिश!