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उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने लोकसभा में उठाया ‘बिग बास’ में बढ़ती अश्लीलता का मुद्दा!

लोकसभा के शून्यकाल के दौरान उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि बिग बॉस और अन्य OTT शो आजकल भारतीय समाज के कई परिवारों के लिए चिंता का कारण बन चुका है। बिग बॉस शो में बढ़ती अश्लीलता और समाज पर उसके नकारात्मक प्रभाव, जिसे भारतीय टेलीविजन पर बड़े पैमाने पर प्रसारित किया जा रहा है। देशभर में इसके करोड़ों दर्शक हैं। शुरुआत में यह शो एक सामान्य रियलिटी शो की तरह था, लेकिन समय के साथ इसमें अश्लीलता और विवादों का स्तर बहुत बढ़ गया है, जो न केवल इसे देखने वाले दर्शकों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए खतरनाक हो सकता है।

इस शो का प्रमुख आकर्षण विवादों और प्रतियोगियों के बीच अश्लील बर्ताव है। शो में अक्सर गाली-गलौच, यौन शोषण की स्थिति और विवादित व्यवहार को बढ़ावा दिया जाता है। कई बार प्रतियोगियों के निजी जीवन की गंदगी को सार्वजनिक रूप से दिखाया जाता है, जिससे न केवल उनका अपमान होता है, बल्कि यह अन्य लोगों को भी गलत दिशा में प्रेरित करता है। यह शो समाज में उस मानसिकता को बढ़ावा देता है कि अश्लीलता और विवादों का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करना और इनका मजाक उड़ाना सामान्य बात है। हमारे युवाओं और बच्चों पर इस तरह के कार्यक्रमों का प्रभाव बहुत गहरा होता है। उन्हें यह सिखाया जाता है कि विवादों और अश्लीलता से शो की TRP (टेलीविजन रेटिंग) बढ़ती है और यही सफलता का पैमाना है।

बात करें सलमान खान की, जो इस शो के होस्ट हैं। सलमान खान की लोकप्रियता और उनके व्यक्तित्व की वजह से इस शो की पहुंच बहुत बड़ी हो जाती है। उनकी भूमिका और शो को लेकर उनका दृष्टिकोण अक्सर विवादों में घिरा रहता है। सलमान खान कभी-कभी शो के विवादित और अश्लील तत्वों को हंसी-मजाक में बदल देते हैं, जोकि इन घटनाओं को गंभीरता से लेने की बजाय इन्हें हल्के तौर पर दिखाता है। उनके इस रवैये से यह संदेश जाता है कि यह सब सामान्य और स्वीकार्य है, जबकि यह बिल्कुल नहीं है।

जब एक स्टार और शो का होस्ट खुद अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा हो, तो यह शो के दर्शकों के लिए एक गलत उदाहरण पेश करता है। यह जिम्मेदारी सिर्फ सलमान खान की नहीं है, बल्कि उन सभी निर्माताओं की भी है, जो इस शो को तैयार करते हैं और उसे प्रसारित करते हैं। बिग बॉस जैसे अन्य OTT शो का असर हमारे समाज पर गंभीर हो सकता है। यह हमारे पारिवारिक रिश्तों को कमजोर करता है, क्योंकि ऐसे शो में जो अश्लीलता दिखाई जाती है, वह घर में बैठकर बच्चों और किशोरों के मानसिक विकास पर गलत असर डाल सकती है। यह हमारी पारंपरिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के खिलाफ भी है। ऐसे शो केवल मनोरंजन का साधन नहीं होते, बल्कि यह समाज में एक गलत संदेश फैलाने का काम भी करते हैं।