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प्रेग्नेंसी टेस्ट की तरह यूरिन की बूंद से कैंसर की होगी पहचान, उज्जैन में लगेगी डिटेक्शन किट की यूनिट!

साउथ कोरिया से कंपनियां का 8 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल

भारत में यह पहली बार होगा जब यूरिन की कुछ बूंद किट पर डालने से ही कैंसर जैसी घातक बीमारी का पता लग जाएगा। इस किट से 8 प्रकार के कैंसर का पहली स्टेज पर ही पता लगाया जा सकेगा। दरअसल, साउथ कोरिया की कंपनी उज्जैन में कैंसर की प्राथमिक स्टेज का पता लगाने वाली डिटेक्शन किट की यूनिट लगाने जा रही है।

दक्षिण कोरिया के इसीडीएस ग्रुप द्वारा अर्ली कैंसर डिटक्शन को लेकर देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी मेडिकल डिवाइस पार्क में शोध व निर्माण ईकाई स्थापित करने की योजना है। इसके लिए दो दिन पूर्व ग्रुप के प्रतिनिधि मंडल ने भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भेंट की थी। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद मंगलवार को इसीडीएस के ज्वाइंट वेंचर (सीयूबीईआइओ) के प्रतिनिधि मंडल ने स्थल निरीक्षण किया है। प्रतिनिधि मंडल ने उज्जैन विक्रम उद्योगपुरी पहुंच मेडिकल डिवाइस पार्क का अवलोकन किया। एमपीआइडीसी के अधिकारियों ने आवश्यक जानकारी दी। इसीडीएस ग्रुप ने यूनिट के लिए करीब 21 एकड़ जमीन चिन्हित की है। किट से जांच में कितना खर्च आएगा, फिलहाल निर्धारित नहीं है।

सिर्फ 15 मिनट में होगी जांच

अर्ली कैंसर डिटक्शन की यह अत्याधुनिक तकनीक कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से निपटने में बड़ी कारगर साबित हो सकती है। इसमें मरीज की यूरिन के सैंपल का उपयोग कर जांच की जाती है। किट पर यूरिन की कुछ बूंद डालने और आवश्यक प्रोसेस करने पर महज 15 से 20 मिनट में रिजल्ट आ जाता है। अभी कोरिया में इसका उपयोग होता है।

आठ प्रकार के कैंसर की जांच हो सकेगी

-ब्रेस्ट कैंसर-कोलोरेक्टल कैंसर

-स्टमक कैंसर

-लंग कैंसर

-लीवर केंसर

-पेनक्रिएटिक कैंसर

-प्रोस्टेट कैंसर

-ब्लाडर कैंसर

नवंबर तक यूनिट प्रारंभ करने का प्रयास

207 करोड़ रुपए से शोध व निर्माण के लिए यूनिट स्थापित करने की योजना है। इसीडीएस के ज्वाइंट वेंचर के प्रतिनिधि मंडल ने स्थल निरीक्षण किया है। भारत में यह पहली यूनिट होगी। इस पद्धति से प्रारंभिक स्टेज में ही कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। प्रयास है कि नवंबर तक यूनिट प्रारंभ कर दी जाए।