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महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों पर भारी भीड़, बाबा महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब!

देशभर में धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर उज्जैन में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती हुई। इस पावन अवसर पर मंदिर के पट 44 घंटे तक खुले रहेंगे। इस दौरान करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन की उम्मीद है। देशभर में शिवरात्रि की धूम है, लेकिन उज्जैन में इसका अलग ही महत्व है। यहां भस्मारती, विशेष श्रृंगार और शिव नवरात्रि जैसे आयोजन होते हैं। सेहरे का प्रसाद बांटा जाता है, जिसे लोग बहुत शुभ मानते हैं।

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की धूम पिछले नौ दिनों से जारी है। लेकिन, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी बुधवार को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की मंगल बेला में बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीष देने के लिए डेढ़ घंटे पहले जागे। रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद भस्मआरती की शुरूआत हुई। रात 2:30 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की शुरुआत होने के साथ ही मंदिर के पट 44 घंटे के लिए खुल गए और चार प्रहर की पूजा अर्चना भी शुरू हो गई।

महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मंदिर में रात्रि 2:30 बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को रजत का मुकुट रुद्राक्ष और पुष्पों की माला धारण करवाई गई। बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार कर ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। भस्म आरती में हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।