V India News

Web News Channel

रात 2.30 बजे खुलेंगे महाकाल मंदिर के पट, 44 घंटे दर्शन देंगे महादेव; जानिए आरती और पूजा का समय!

उज्जैन; महाशिवरात्रि पर्व पर आज रात 2:30 बजे से महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे. लोग अगले 44 घंटे तक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. महाशिवरात्रि के महापर्व पर उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में विशेष पूजा और अभिषेक कार्यक्रम होंगे. 44 घंटे तक सतत दर्शन के साथ, महाशिवरात्रि की रात भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक, भस्म आरती और पंचामृत पूजन होगा. 27 फरवरी को विशेष सप्तधान्य अर्पित किए जाएंगे और भगवान का श्रृंगार किया जाएगा. इस दिव्य अवसर पर भक्तों को भगवान के साथ आध्यात्मिक जुड़ाव का अद्भुत अनुभव मिलेगा.

श्री महाकालेश्वर भगवान के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे दर्शन हेतु खुले रहेंगे. महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेंगे. भस्मारती उपरांत 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्चात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा. सायं 4 बजे होल्कर और सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा.

महाशिवरात्रि की रात यह होगा

महाश्विरात्री की रात 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 6 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा, जिसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जाएगा. उसके पश्चात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी, 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जाएगा.

गुरुवार को सप्तधान्य का मुखारविंद भी सजेगा, दिन में होगी भस्म आरती

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 27 फरवरी 2025 गुरुवार अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराए जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जाएगा, जिसके उपरांत भगवान श्री महाकालेश्वर को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेहूं, जौ, साल, खड़ा उड़द सम्मिलित रहेंगे. श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा.

भगवान श्री महाकालेश्वर को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा. भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जाएगी. श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जाएगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पंच मेवा आदि के भोग अर्पित किए जाएंगे. 27 फरवरी 2025 को प्रात: सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी. भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी व शिव नवरात्रि का पारणा किया जाएगा. 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर के पट मंगल होंगे.