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उज्जैन; सम्मान निधि की मांग को लेकर ग्राम पटेलों ने दिया धरना; सड़क पर बैठे एक हजार से अधिक पटेल!

मध्य प्रदेश का पटेल समाज उज्जैन में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठा है। पूरे प्रदेश से यहां आए पटेलों की मांग है कि सरकार ने उनसे जो वादा किया था वो पूरा करे।

मध्य प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में उज्जैन पहुंचे परंपरागत पटेलों ने सोमवार को पटेल पद का स्थायी नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी, सीएम मोहन यादव और डॉ. भीमराव अंबेडकर के फोटो हाथ में लेकर सड़क पर बैठकर नारेबाजी की। प्रशासनिक अधिकारी उन्हें समझाने पहुंचे, लेकिन पटेल कलेक्टर से मिलने की जिद पर अड़े रहे। प्रदेशभर से आए ग्राम पटेलों ने पटेल सम्मान निधि नहीं मिलने से नाराज होकर शांति पैलेस चौराहे पर धरना दिया। इनमें झाबुआ, इंदौर, पन्ना, देवास, डिंडोरी, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, नरसिंहपुर, अशोकनगर, दतिया, गुना सहित कई जिलों से आए पटेल शामिल थे।

खानदानी पटेल के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल का कहना है कि “सरकार ने हमसे जो वादा किया था, उसको पूरा नहीं किया। इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सम्मान निधि के साथ खानदानी ग्राम पटेल के उत्तराधिकारी का नियुक्ति पत्र जारी करें। हम पीढ़ी दर पीढ़ी 75 वर्षों से पटेली के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके बदले हमें कोई मानदेय नहीं मिल रहा है। जबकि महाराष्ट्र सरकार वहां के पटेलों को सम्मान निधि के तौर पर 15 हजार रुपए देती है।” राजेश ने कहा, जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी हम यहां से नहीं उठेंगे। धरने में पूरे प्रदेश से करीब 7 हजार पटेल शामिल हुए।

जानिए कौन होता है ग्राम पटेल

गांव का मुखिया या प्रधान, ग्राम पटेल कहलाता है। वह गांव के विकास और शासन से जुड़े कार्यों की ज़िम्मेदारी उठाता है। ग्राम पटेल का काम शासन की योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचाना, गांव में छोटे-मोटे विवादों का निराकरण करना, शासकीय कार्यों की देखरेख करना, ग्राम सुरक्षा समिति का गठन करना और ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना आदि होता है।