महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. भीड़ को देखते हुए महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए गए हैं.
महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर ही सबसे अधिक लोग दर्शन के लिए उमड़ते हैं. इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को आ रहा है. इसके एक दिन पहले यानी 25 फरवरी से ही मंदिर में भीड़ उमड़ना शुरू हो जाएगी. इसके एक दिन बाद यानी 27 फरवरी तक श्रद्धालुओं को यहां तांता लगा रहेगा, क्योंकि महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 को सुबह सेहरे के दर्शन होंगे तो दोपहर में भस्मारती की जाएगी. वर्ष में केवल एक बार ही यह मौका आता है जब भगवान महाकाल की भस्मारती सुबह 4 बजे की जगह दिन में 12 बजे होती है.
दरअसल, महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी. भीड़ से को कंट्रोल करने और श्रद्धालुओं को सुगमता से बाबा महाकाल के दर्शन कराने के लिए प्रशासन ने खास प्लान बनाया है. उप प्रशासक एसएन सोनी ने बताया कि श्रद्धालुओं को भील समाज की धर्मशाला के पास से प्रवेश मिलेगा, और उन्हें लगभग 2.5 किलोमीटर पैदल चलना होगा. इस दौरान भक्तों की सुविधा के लिए बीच रास्ते में पानी, वाशरूम और भजन मंडली की व्यवस्था की जाएगी.
महाशिवरात्रि के दिन लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के लिहाज से 200 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा. साथ ही होमगार्ड के जवानों की भी मदद ली जाएगी. बाबा महाकाल के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. सामान्य श्रद्धालुओं को जूते-चप्पल उतारकर चारधाम मंदिर पार्किंग से शक्ति पथ होते हुए भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन होंगे. वहीं, वीआईपी श्रद्धालु नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे.
प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालुओं के लिए
महाशिवरात्रि के दिन जो श्रद्धालु प्रोटोकॉल के तहत बाबा महाकाल का दर्शन करेंगे, उन्हें हरिफाटक ओवरब्रिज से बेगमबाग के रास्ते नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा. इसके अलावा वृद्ध एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं को अवंतिका द्वार से प्रवेश दिया जाएगा. इनके लिए व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध रहेगी.
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