उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन अब और आसान होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को रुद्रसागर झील में नवनिर्मित पैदल यात्री पुल का लोकार्पण किया। इस पुल के निर्माण से बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक यात्रा सहज बनेगी। इस दौरान सीएम ने इस नवनिर्मित सेतु को ‘अशोक सेतु’ करने का ऐलान किया।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, “अशोक के नाम पर उज्जैन में अभी कुछ नहीं है। इसलिए मुझे लगता है कि बाबा महाकाल के सेतु का नाम सम्राट अशोक के नाम पर करना चाहिए। इस माध्यम से यह इतिहास में जाए कि अशोक उज्जैन से आए थे। महामृत्युंजय द्वार में उज्जैन के सारे गौरवशाली इतिहास को प्रतिमाओं के माध्यम से बताने का प्रयास किया। इतिहास केवल कागज पर लिखने से पर्याप्त नहीं होता, उसे प्रतिमाओं के अंकन से भी बताना चाहिए।”
कई मायनों में खास रहा 15 फरवरी
उज्जैन वालों के लिए 15 फरवरी का दिन कई मायनों में खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने उज्जैन में 2272 लाख रुपये के विकास कार्यों का भूमि-पूजन-लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि हम सभी पर बाबा महाकाल की कृपा है। हम सभी अलग-अलग क्षेत्रों में और आगे बढ़ने वाले हैं। गरीब जनता को भी आगे बढ़ने का अधिकार है। उसे भी बड़े भवनों में शादी-ब्याह करने चाहिए। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सरकार लगातार विकास के काम कर रही है।
‘शिप्रा नदी के घाट का सौदर्यीकरण किया जाएगा
हमारी सरकार युवाओं को उसकी क्षमता के हिसाब से राजगोर-स्वरोजगार मुहैया कराएगी। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार का एकमात्र उद्देश्य है राज्य को देश के विकसित राज्यों में शामिल करना। हम युवाओं-गरीबों का जीवन बदलने की कोशिश कर रहे हैं। युवाओं को जिस भी तरह का उद्योग लगाना हो, उसमें सरकार मदद करेगी। शिप्रा के सभी घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। लोग नाव से एक घाट से दूसरे घाट जा सकेंगे। लोगों को शिप्रा का साफ पानी मिलेगा।
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