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उज्जैन; फर्जी मार्कशीट लगाकर पुलिस में की नौकरी, आरोपी आरक्षक के पद से बर्खास्त!

एक युवक ने 10वीं की फर्जी अंकसूची लगाकर आरक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली। वह कई थानों में पदस्थ रहकर ड्यूटी करता रहा। 9 वर्ष पहले उसके द्वारा किए गए फ्रॉड की शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची तो जांच शुरू हुई। अब आरक्षक को नौकरी से हटाने के साथ ही उसके खिलाफ माधव नगर थाने में धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया गया है।

युवक ने पुलिस के साथ ही धोखाधड़ी कर कक्षा 10वीं की फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी प्राप्त कर ली। 14 साल से अधिक समय तक नौकरी करते हुए वह पुलिस लाइन के अलावा जिले के चार थानों में भी पदस्थ रहा। एक शिकायत पर जब विभागीय जांच हुई तो पता चला कि कक्षा 10वीं की जिस अंकसूची के आधार पर उसने नौकरी प्राप्त की थी, वह फर्जी है। विभागीय जांच के बाद रिपोर्ट सामने आने पर एसपी ने आरोपी को आरक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया है। वहीं माधवनगर थाना पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की है।

माधवनगर थाना पुलिस ने बताया 33 वर्षीय अजहरुद्दीन पिता शफीउद्दीन फारुखी को वर्ष 2010 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। अजहरुद्दीन के पिता शफीउद्दीन प्रधान आरक्षक थे। उनके निधन के बाद अजहरुद्दीन ने नौकरी पाने के लिए कक्षा 10वीं की मार्कशीट के अलावा अन्य दस्तावेज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रस्तुत किए थे। इसके आधार पर उसे आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति भी मिल गई। इस दौरान अजहरुद्दीन चिमनगंज, पंवासा, तराना, बड़नगर के अलावा पुलिस लाइन में पदस्थ रहा। वर्तमान में वह पुलिस लाइन में पदस्थ था।

वर्ष 2016 में उसके खिलाफ एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इसमें शिकायतकर्ता ने उसकी 10वीं की मार्कशीट के फर्जी होने का उल्लेख किया था। शिकायत पर अजहरुद्दीन के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हुई। जांच में यह साबित हुआ कि अजहरुद्दीन ने कक्षा 10वीं की जो अंकसूची लगाई है, वह फर्जी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने आरक्षक अजहरुद्दीन को बर्खास्त कर उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। माधवनगर थाना प्रभारी राकेश भारती ने बताया आरोपी अजहरुद्दीन के खिलाफ कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने आैर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।