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Ujjain: सिंहस्थ 2028 में दिखेगी प्रयागराज महाकुंभ की झलक; तैयारी शुरू!

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार सिंहस्थ महाकुंभ 2028 की तैयारियों में जुटी है। जिसमें विकास और अधोसंरचना के काम शुरू किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री यादव ने संकल्प लिया है कि सिंहस्थ-2028 में श्रद्धालुओं को क्षिप्रा नदी के निर्मल जल में ही स्नान कराया जाए और क्षिप्रा नदी में स्वच्छ और शुद्ध जल का प्रवाह सदा के लिए सुनिश्चित कर उसे सही अर्थों में पुण्य-सलिला और सदानीरा बनाया जाए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ महाकुंभ एक सोशल गैदरिंग है, इससे समाज की दिशा तय होती है। पहले लोग कुंभ के मेले में तय हुई दिशा को लेकर जाते थे और समाज में बदलाव के लिए काम करते थे। समय के साथ परंपराओं में बदलाव आया है, लेकिन हमें अपनी जड़ों और मूल्यों के महत्व को समझना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी मानना है कि कुंभ केवल एक मेला ही नहीं, लेकिन विश्व को परंपराओं के इनोवेशन, एजुकेशन और संदेश देने वाले शानदार प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण है। दुनिया को इसे केस स्टडी के तौर पर अपनाना चाहिए।

गौरतलब है शुक्रवार को महाकाल की नगरी उज्जैन से एसपी प्रदीप शर्मा और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी प्रयागराज पहुंचे। महाकुंभ में पहुंचे एमपी से अधिकारियों की टीम ने तीन साल बाद उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के लिए अध्ययन किया। एमपी से पहुंचे 15 सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने प्रयागराज महाकुंभ में वीडियो, फोटो, और अन्य दस्तावेजों के जरिए जानकारी ली।

मध्य प्रदेश की टीम लीड करने की जिम्मेदारी एडीजी रैंक के सीनियर आईपीएस अफसर उमेश जोगा को मिली है। इस टीम में शामिल उज्जैन संभाग के कमिश्नर संजय गुप्ता, डीआईजी उज्जैन नवनीत भसीन, और डीआईजी पीएचक्यू तरुण नायक ने इंटेलिजेंस व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। एमपी की टीम ने प्रयागराज में कुंभ आयोजन के दौरान किए गए क्राउड मैनेजमेंट और आपदा प्रबंधन का विश्लेषण किया।

सिंहस्थ में तैनात किए जाएंगे 40 हजार पुलिसकर्मी

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान पुलिसकर्मियों के ठहरने के लिए टेंट बनाए गए हैं, लेकिन इस बार उज्जैन सिंहस्थ में पुलिस कर्मियों के ठहरने के लिए स्थानी निर्माण किए जाएंगे। जो भविष्य में भी आगे आएंगे।  2028 के सिंहस्थ में 40 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाने की योजना है। कुंभ मेले में होटल रूम और कॉटेज के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यूपी सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उसी तरह के उपाय उज्जैन सिंहस्थ में एमपी सरकार भी अपनाएगी।