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उज्जैन में धार्मिक विवाद के बाद 78 साल पुराने चर्च से हटाया गया ‘मंदिर’ शब्द!

उज्जैन में 78 साल पुराने चर्च के नाम से ट्रस्ट ने मंदिर शब्द हटा दिया है। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारियों ने बुधवार को चर्च के ट्रस्टियों से मुलाकात की थी। जिसमें दो दिन के भीतर मसीह मंदिर चर्च से मंदिर हटाने के लिए कहा था। समय-सीमा पूरी होने से पहले ही ट्रस्ट ने चर्च पर मंदिर लिखे नाम की पट्टिका हटा दी है।

दरअसल दो दिन पहले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें बताया गया था कि मसीही मंदिर चर्च देवास रोड, उज्जैन के द्वारा कथित रूप से अपनी संस्था मसीही चर्च के नाम के साथ मंदिर शब्द का उपयोग किया जा रहा है। इस पर हमें घोर आपत्ति हैं, इससे हमारी धार्मिक आस्था आहत हो रही है। हमारा भोला भाला हिन्दू समाज भृमित होता है, क्योंकि मंदिर शब्द का उपयोग सनातनी देवालयों के लिए ही होता रहा है, अन्यत्र कहीं भी नहीं। मंदिरों में बहुत सी सनातनी परम्पराओं का निर्वहन करना होता है, जो अन्यत्र कहीं भी सम्भव नहीं हैं एवं चर्चों में तो बिल्कुल भी नहीं। इसीलिए दो दिन में उक्त चर्च से मंदिर शब्द को हटवाने की कार्रवाई करने का कष्ट करें। इस चेतावनी के बाद मसीही चर्च के नाम से ट्रस्ट ने मंदिर शब्द हटा दिया।

विहिप के जिलाध्यक्ष महेश तिवारी और बजरंग दल के जिला संयोजक रिषभ कुशवाह ने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन देने के साथ ही हमने चर्च के ट्रस्टियों से मुलाकात की थी। जिन्होंने दो दिन मे मसीह मंदिर चर्च से मंदिर हटाने के लिए कहा था। इसका वादा उन्होंने समय-सीमा पूरी होने से पहले ही निभाया और ट्रस्ट ने चर्च पर मंदिर लिखे नाम की पट्टिका हटा दी है। देवास रोड स्थित आईजी बंगले के पास स्थित इस मसीह चर्च में बीते 78 साल से चर्च की मुख्य बिल्डिंग और चर्च की बाउंड्रीवाल पर मसीह मंदिर चर्च लिखा था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के विरोध के बाद सभी जगह से मंदिर शब्द हटा दिया गया है।