विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में रविवार देर शाम कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी मंच से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ‘पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएंगे’ प्रस्तुत किया। इसके बाद सुमन साहा (कोलकाता) निर्देशित गुरु दक्षिणा महानाट्य का मंचन होगा। यह नाट्य भगवान श्रीकृष्ण-गुरू सांदीपनि के आख्यान पर आधारित है।
गीता जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया है। उज्जैन में आयोजित यह पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 12 दिसंबर तक चलेगा। इसमें गौ, गोपाल और श्रीमद् भागवत पुराण आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और गीता पर आधारित प्रदर्शनी में 270 चित्रों को प्रदर्शित किया है। साथ ही कृष्णायन नाटक, गीता आधारित प्रतियोगिताएं और श्रीकृष्ण भजनों की प्रस्तुति होगी।
कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में रविवार से पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की सांस्कृतिक गतिविधियां प्रारंभ हुईं, जिसमें महोत्सव के पहले दिन ख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला का गीता संवाद हुआ। इसके बाद सुमन साहा (कोलकाता) निर्देशित गुरु दक्षिणा जो श्रीकृष्ण-गुरु सांदीपनि के आख्यान आधारित महानाट्य का मंचन हुआ।
इसमें ख्यात गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा कि हमारे देश में शकुनि की कोई कमी नहीं है। दिल्ली के शहजादे, आलू सोना मशीन, कभी संसद में सोते हुए पाए जाते हैं, कभी आंख मारते हुए भारत जोड़ो भारत जोड़ने की फर्जी यात्रा करते हैं पूरे देश में और असली यात्रा के लिए ब्रिटेन जाते हैं, जहां जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर भारत तोड़ने की प्लानिंग करते हैं। आए दिन हमारे सामने खबरें आ रही हैं कि इन्होंने भारत को तोड़ने का फॉर्मूला ढूंढ लिया है। जानते हैं क्या है हिंदुत्व को तोड़ो तो भारत अपने आप टूट जाएगा।
मुंतशिर का कहना है कि मेरी पीड़ा है, यह मेरी वेदना है। इसमें कहीं कोई राजनीति नहीं है। कहीं कोई कूटनीति नहीं है। यह वह है जिसने मुझे बहुत तकलीफ दी है। मुझे रातों में जगाया है। मैंने एक बार नेता प्रतिपक्ष को संसद में बोलते हुए सुना कि हिन्दू हिंसक हो गए हैं, हिन्दू हिंसक हो गए? हिन्दू और हिंसा ये दो शब्द एक साथ में बोलने से पहले शरम नहीं आई। हिन्दू फोबिया फैला हुआ है। हिन्दू फोबिया यानी हिंदुत्व का डर, हिंदुओं से डरना चाहिए। डरते हैं तो हम किसी के बाप से नहीं। हमने राम लला का मंदिर मांग लिया। जहां हमारे राम में थे और हम हिंसक हो गए। हमने कृष्ण जन्मभूमि मांग ली, हम हिंसक हो गए। हम छोड़ देते तो सज्जन हो जाते, बार बार कहते हैं।
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