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शारदीय नवरात्रि शुरू; सुख-समृद्धि के लिए नवरात्रि पर जरूर करें दुर्गा पाठ!

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है।वैदिक पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आज यानि 03 अक्टूबर से शुरू हो गए हैं, जो कि 12 अक्टूबर तक चलेंगे। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग अलग नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। वहीं मान्यता है जो व्यक्ति इन 9 दिनों तक व्रत रखकर मां दुर्गा की आराधना करता है। उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। वहीं आपको बता दें कि पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा आरंभ होता है। वहीं घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करना बेहद जरूरी होता है।

नवरात्रि के पहले दिन की पूजा का महत्व

नवरात्रि का पहला दिन कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की आराधना का महत्व होता है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन करते हैं, उन्हें जीवन में स्थिरता और शांति मिलती है। शैलपुत्री मां की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और मनुष्य की भक्ति शक्ति में वृद्धि होती है।

कलश स्थापना के बाद की पूजा

कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। प्रतिदिन देवी के एक रूप की पूजा होती है और साधक नियमपूर्वक व्रत, ध्यान और आराधना करता है। नौ दिनों की पूजा के बाद दशमी के दिन ‘विजयादशमी’ के पर्व पर कलश विसर्जन किया जाता है।

दोपहर में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त को ध्यान में करना चाहिए। इस बार शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त है। जिसमें एक आज सुबह का है जबकि दूसरा अभिजीत शुभ मुहूर्त है। इन दोनों ही मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए पूजा संपन्न करनी चाहिए। लेकिन आपको आज राहुकाल के समय को ध्यान में रखना होगा, क्योंकि राहु काल में कोई भी शुभ काम की शुरुआत करना अच्छा नहीं माना जाता है। आज का राहुकाल का समय दोपहर 13: 37 -15: 05 मिनट तक रहेगा। ऐसे में अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए पूजा करें।

नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 7 बजकर 7 मिनट तक

नवरात्रि अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक