एक भक्त ने रामलला को सोने की रामायण अर्पित की है. सोने के पन्नों पर लिखी इस रामायण को गर्भगृह में स्थापित किया गया है. बताते चले कि प्राण प्रतिष्ठा के समय रिटायर्ड आईएएस अधिकारी लक्ष्मी नारायन ने अपने जीवन भर की कमाई को रामलला के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया था. इसके लिए 5 करोड़ की लागत से 151 किलो वजन की रामचरित मानस तैयार की गई है. 10,902 छंदों वाली रामायण के प्रत्येक पृष्ठ पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी है. गोल्डन प्रतिकृति में लगभग 480-500 पेज हैं. इस रामायण को तैयार करने में 140 किलो तांबे का भी इस्तेमाल किया गया है. इसकी कुल लागत पांच करोड़ रुपए आई है. इस रामायण को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है.
कौन हैं एस. लक्ष्मीनारायण?
एस. लक्ष्मीनारायण चेन्नई के रहने वाले हैं. वे मध्यप्रदेश कैडर के 1970 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं. मौजूदा समय में वह दिल्ली में रहते हैं. उनकी पत्नी सरस्वती एक गृहिणी हैं और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी अमरीका में रहती हैं. प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके लक्ष्मीनारायण पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी अफसरों में शामिल रहे हैं. इसके अलावा कई निजी कंपनियों से जुड़ चुके लक्ष्मीनारायण को भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
लक्ष्मीनारायण का नाम मां लक्ष्मी के नाम पर पड़ा है. दरअसल, उनकी मां ने दिल्ली के बिरला मंदिर यानी लक्ष्मी नारायण मंदिर में ये प्रार्थना की थी कि अगर उन्हें बेटा हुआ तो उसका नाम वह लक्ष्मीनारायण रखेंगी. ऐसे में उनके जन्म के बाद मन्नत पूरी होने पर उनकी मां ने उनका नाम लक्ष्मीनारायण रखा.
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