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अस्पताल में करोड़ों का भ्रष्टाचार! पूर्व सिविल सर्जन के खिलाफ लोकायुक्त ने दर्ज किया केस

उज्जैन जिला अस्पताल और चरक भवन में हुए आर्थिक घोटाले के मामले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त पुलिस ने पूर्व सिविल सर्जन डॉ. प्रयागनारायण शर्मा सहित दो अधीनस्थ कर्मचारियों  तत्कालीन लेखापाल राजकुमार सोनी और प्रभारी लिपिक राहुल पंड्या  के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में केस दर्ज किया है।

लोकायुक्त एसपी आनंद यादव ने बताया कि ग्राम नजरपुर निवासी धर्मेंद्र शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद जांच शुरू की गई। शिकायत में आरोप था कि शासकीय चरक अस्पताल में क्रय प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गईं, जिससे शासन को आर्थिक हानि पहुंची। डीएसपी राजेश पाठक को मामले की जांच सौंपी गई थी।

तीनों के खिलाफ ये है आरोप

डीएसपी पाठक ने बताया कि सिविल अस्पताल में करीब तीन साल पहले डेहली रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग इंजीनियरिंग एवं रिडेन एस.पी.सी. ऑक्सीजन गैस सप्लायर को दो वर्ष के लिए टेंडर दिया था, लेकिन तय अवधि समाप्त होने के बाद भी फर्मों से तीन वर्ष तक बिना नए टेंडर कार्य करवाकर आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए शासन को नुकसान पहुंचाया गया।

फर्मों को जीएसटी राशि का भुगतान भी किया गया, जिसे उन्होंने शासन को नहीं लौटाया। इसके बावजूद बिना किसी स्पष्टीकरण या क्लेरिफिकेशन सर्टिफिकेट के भुगतान कर दिया गया। पूर्व सिविल सर्जन ने अपनी वित्तीय शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए बिना सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी के भारी भुगतान कर दिया। अब इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7-सी, 13(1)(ए), 13(2) और भादंवि की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रकरण में शासन को हुई कुल आर्थिक क्षति का निर्धारण ऑडिट के माध्यम से विवेचना के दौरान किया जाएगा।