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PM मोदी, योगी और कई लोगों के नाम लेने को मजबूर किया’; साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा बयान!

मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को मुंबई में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उनसे जबरदस्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा नेता राम माधव जैसे नाम लेने को कहा गया, ताकि उन्हें ब्लास्ट से जोड़ा जा सके।

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मुझ पर मानसिक और शारीरिक रूप से अत्याचार किया गया। टॉर्चर इतना अधिक था कि मेरे फेफड़े तक खराब हो गए। मुझे अस्पताल में भी गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा गया।” उन्होंने कहा कि अफसरों ने झूठे बयान देने का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने असत्य नहीं बोला। साधवी ने कहा कि धर्म की जीत हुई है।

विधर्मियों और देशद्रोहियों के मुंह काले हुए

सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। धर्म और सत्य हमारे पक्ष में थे, इसलिए हमारी विजय निश्चित थी। ‘सत्यमेव जयते’ यह मैंने पहले भी कहा था और आज यह सिद्ध हो गया है। विधर्मियों और देशद्रोहियों के मुंह काले हुए हैं, उन्हें करारा जवाब मिला है। देश हमेशा से धर्म और सत्य के साथ रहा है और हमेशा रहेगा। उन्होंने पूरा मामला कांग्रेस के द्वारा बनाने का भी आरोप लगाया।

मुझे मोदी का नाम लेने को कहा गया 

पूर्व सांसद ने बताया कि वे गुजरात में रहती थीं, इसी वजह से उनसे खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा था कि अगर मैं कुछ नाम ले लूं तो टॉर्चर बंद हो जाएगा, लेकिन मैंने झूठ बोलने से इनकार कर दिया। प्रज्ञा ठाकुर ने आरोप लगाया कि कई एटीएस अधिकारियों ने कानून के नाम पर गैरकानूनी काम किए और उन्हें झूठे केस में फंसाया।

दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को लेकर भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि दिग्भ्रमित के लिए मेरे पास कोई उत्तर नहीं है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसका उल्लेख किया जाए। उसका नाम नहीं लेना चाहिए, जो उसका नाम लेगा, उसका पूरा दिन खराब हो जाएगा।

कांग्रेस ने हर तरीके से हिंदुओं को प्रताड़त किया 

भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को अपनाया है। अपने शासनकाल में उन्होंने इसी नीति का इस्तेमाल किया। उन्होंने हर तरीके से हिंदुओं को प्रताड़ित किया, उन्हें जेलों में डाला और झूठे मुकदमे लगाए। उन्होंने इसे ‘भगवा आतंक’ और ‘हिंदुत्व आतंकवाद’ कहा। कांग्रेस की मानसिकता बहुत ही संकीर्ण है। यह कांग्रेस की एक साज़िश थी और यह राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।

NIA की विशेष अदालत से सभी आरोपी बरी

एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सातों आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका। मालेगांव ब्लास्ट मामले में शुरुआत में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सात पर ही आरोप तय हुए और मुकदमा चला। बाकी सात को पहले ही रिहा कर दिया गया था।

क्या था मालेगांव ब्लास्ट मामला

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिल में विस्फोट हुआ था। धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मामले में आरोपियों पर यूएपीए, आईपीसी की धारा 302 और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया गया था।