गुना जिले की चाचौड़ा विधानसभा सीट से बीजेपी की सबसे युवा विधायक प्रियंका पेंची ने गुना जिले के एसपी अंकित सोनी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामले में सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है, उन्होंने पत्र में गुना जिले में हुए पुलिसकर्मियों के तबादलों में उनकी अनदेखी की बात कही है, बताया जा रहा है कि यह पत्र 29 मई को ही भेजा गया था, जो अब सामने आया है. ऐसे में बीजेपी विधायक प्रियंका पेंची का पत्र सामने के बाद गुना जिले में राजनीतिक पारा गर्मा गया है, क्योंकि तबादलों को लेकर लगातार राजनीतिक गर्माहट बढ़ी हुई है, ऊपर से विधायक का एसपी की शिकायत करने से और सियासत शुरू हो गई है.
दरअसल मामला प्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा विधानसभा से बीजेपी विधायक और एसपी का है. जहां विधायक प्रियंका पेंची ने गुना एसपी अंकित सोनी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए 29 मई को सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिख इसकी शिकायत की है. पत्र में चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के थानों में प्रभारी मंत्री या विधायक की सलाह के बिना तबादले का आरोप लगाया है.
बताया जा रहा है कि हाल ही में गुना जिले के एसपी अंकित सोनी ने जिले में टीआई, एसआई, एसआई, हवलदार और आरक्षकों के तबादलों की सूची जारी की थी, जिसमें कई थाना प्रभारियों को भी इधर से उधर किया गया था. चाचौड़ा के थाना प्रभारी मछलू सिंह मंडेलिया को यहां से हटाकर गुना पुलिस लाइन में भेजा गया था, जबकि कुंभराज थाना प्रभारी नीरज राणा को बमोरी थाना और मृगवास थाना प्रभारी पंकज सिंह कुशवाह को जमने थाने में पदस्थ किया गया था, बता दें कि कुंभराज और मृगवास थाने भी चाचौड़ा विधानसभा में ही आते हैं, जहां से प्रियंका पेंची विधायक हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी विधायक इन ट्रांसफरों से नाराज हैं, जिस पर उनकी तरफ से आपत्ति भी जताई गई थी, उन्होंने इस मामले की जानकारी सीएम मोहन यादव और ग्वालियर रेंच के आईजी को भी फोन पर दी थी.
पत्र हुआ वायरल
बीजेपी विधायक प्रियंका पेंची ने इस मामले में 29 मई को ही सीएम मोहन यादव को एक पत्र भी लिखा था, जो अब वायरल हो गया. जिस पर बीजेपी विधायक का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते अपनी बात रखना मेरा हक है, इसलिए जो भी बात थी उसे मैंने सीएम मोहन यादव और बीजेपी संगठन के सामने रखा है. वहीं मामले में गुना जिले के एसपी अंकित सोनी का कहना है कि चाचौड़ा में पांच थाने आते हैं, जिनमें से जामनेर और मकसूदनगढ़ में कोई ट्रांसफर नहीं हुआ है, जबकि चाचौड़ा के टीआई को विधायक के कहने पर ही हटाया गया था, जबकि कुंभराज टीआई का तबादलला निरस्त कर दिया गया है. लेकिन जिस तरह से विधायक और एसपी के बीच का यह पूरा वाकया हुआ है, उससे यह मामला सियासी गलियारों में चर्चा में जरूर बना हुआ है.
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