केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को नीमच में सीआरपीएएफ परेड की शालमी ली। इस दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहा कि आज शानदार परेड हुई है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए सीआरपीएफ के जवानों और उनके परिवारों को बहुत सम्मान के साथ प्रणाम कर मैं बात की शुरुआत करना चाहता हूं। आज यहां आने से पहले सीआरपीएफ की स्थापना से अब तक 2264 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान अलग-अलग मोर्चे पर देश की सुरक्षा के लिए दिया है। मैं उन सभी को सलामी देकर यहां आया हूं।
अमित शाह ने कहा कि सभी 2264 शहीदों के परिवारजनों को मैं कहना चाहता हूं कि आज देश 2047 तक सर्वोच्च स्थान पर बैठने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उसमें आपके परिजनों के बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है। जब भी देश की आजादी की शताब्दी का स्वर्ण ग्रंथ लिखा जाएगा, सबसे पहले इन अमर शहीदों की वीरता की गाथा स्वर्णिम अक्षरों से लिखी जाएगी। इसका मुझे पूरा विश्वास है। सीआरपीएफ ने हमेशा देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अमित शाह ने कहा जब भी देश में कहीं अशांति होती है और गृह मंत्री होने के नाते मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ का जवान वहां मौजूद है, तो मैं निश्चिंत होकर अपना बाकी काम करता हूं। क्योंकि, मुझे भरोसा है कि सीआरपीएफ है, तो उसके जवान की विजय सुनिश्चित है। दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद साल 2019 में हमने निर्णय किया कि सभी सीआरपीएफ का स्थापना दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा। उसी के तहत आज वार्षिक परेड नीमच के अंदर मनाई जा रही है। और, आज यहां पर सीआरपीएफ के कई जवानों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अलग-अलग प्रकार के अलंकरणों से नवाजा गया है।
उन्होंने कहा मैं उन सभी को बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं। सीआरपीएफ का योगदान देश की सुरक्षा से अलग हटकर कोई देख ही नहीं सकता। चाहे कश्मीर की वादियों में आतंकवाद फैलाने वाले, नापाक इरादे रखने वाले आतंकियों के सामने जूझना हो, चाहे पूर्वोत्तर में शांति स्थापना करनी हो, सीआरपीएफ जवान हर वक्त मुस्तैदी से तैनात है।
आगे अमित शाह ने कहा सीआरपीएफ के जवानों ने दुर्दांत नक्सलियों को चार जिलों तक समेट कर रख दिया है। इन सारे कारनामों में हमारे सीआरपीएफ के जवानों का बहुत बड़ा योगदान है। ढेर सारी पुस्तकें भी इनकी वीरता, इनकी कर्तव्यपरायणता, इनके हौंसले और देशभक्ति की गाथा नहीं लिख सकती। 1939 में सीआरपीएफ का गठन ग्राउंड रिप्रजेंटेटिव पुलिस के नाम से हुआ था। मैं आज इस मंच से सीआरपीएफ के हर जवान को ये कहना चाहता हूं कि कभी भी ये मत भूलना कि आपके नए स्वरूप सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की स्थापना और उसका ध्वज देने का काम महान सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था।
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