उज्जैन; श्री महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार मनाए जाने वाले होलिका महोत्सव एवं रंगपंचमी पर्व के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आगामी 13 मार्च, 14 मार्च और 19 मार्च 2025 को आयोजित होने वाले उत्सव के दौरान भक्तों की सुरक्षा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
14 मार्च को सुबह 4 बजे भस्म आरती में पुजारी-पुरोहित बाबा महाकाल को सबसे पहले गुलाल लगाएंगे। साथ ही, 15 मार्च से भगवान महाकाल की दिनचर्या में बदलाव होगा। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए भगवान को ठंडे जल से स्नान कराया जाएगा। यह क्रम शरद पूर्णिमा तक जारी रहेगा।
परंपरागत विधि से होगी पूजा
होलिका दहन (13 मार्च 2025):
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च की शाम को होलिका दहन किया जाएगा। इस दौरान बाबा महाकाल को शक्कर की माला अर्पित की जाएगी। मंदिर प्रांगण में ओंकारेश्वर मंदिर के सामने होलिका दहन विधिवत रूप से संपन्न होगा।
धुलंडी (14 मार्च 2025):
प्रातः 4 बजे होने वाली भस्म आरती में बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा। संध्या आरती के दौरान भी हर्बल गुलाल का प्रयोग किया जाएगा।
रंगपंचमी (19 मार्च 2025):
भगवान श्री महाकालेश्वर को केसर युक्त जल से अभिषेक किया जाएगा। संध्या आरती में केसर का रंग अर्पित किया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा भस्मार्ती पुजारियों को हर्बल गुलाल एवं केसर युक्त जल उपलब्ध कराया जाएगा।
श्रद्धालुओं से अपील
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे मंदिर की गरिमा और परंपराओं का पालन करें। होली का पर्व परंपरागत रूप से मनाया जाएगा, लेकिन नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
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