कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी अपनी ही गाड़ी में आग लगा ली। अचानक हुई इस घटना से सनसनी फैल गई। आसपास के लोग दौड़े तथा गाड़ी में से परिवार को निकाला।
व्यक्ति और उसके परिवार का आरोप था कि एक बिल्डर परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कई दफ्तरों में अपनी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पाई।
मिली जानकारी के अनुसार नाथुबरखेड़ा गांव में रहने वाले रघुनाथ सिंह अपनी पत्नी शक्कर बाई व दो अन्य के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जो शिकायत की हुई है, उसके अनुसार रघुनाथ व शक्कर बाई के परिवार के पास पैतृक संपत्ति है। इस संपत्ति के वारिस परिवार के और भी लोग है। कुछ समय पहले एक बिल्डर ने परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर जमीन को खरीदने की योजना बनाई।
परिवार का आरोप है कि बिल्डर परिवार के अन्य लोगों के साथ मिलकर उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहा है। जबकि रघुनाथ व शक्कर बाई अपनी जमीन को बेचना नहीं चाहते हैं। सभी मिलकर उन्हें परेशान कर रहे है। उनको कई तरह के नोटिस दिए जा रहे है। इस मामले की शिकायत उन्होंने प्रशासन के कई अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने भी उनकी बात को नहीं सुनी। आरोप यह भी है कि वे पूर्व में कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में अपना आवेदन दे चुके हैं, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। जनसुनवाई के दौरान परिवार ने अपनी गाड़ी वहां पर खड़ी की थी।
जहां पर सभी अधिकारियों की गाड़ी खड़ी होती है। इस दौरान परिवार के तीन लोग गाड़ी के भीतर बैठे हुए थे। जनसुनवाई के बीच में ही इसी गाड़ी में पीड़ित ने आग लगा दी। वे गाड़ी पर पहले से ही पेट्रोल डालकर लाए थे। आग लगते ही गाड़ी धू-धू कर जलने लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत ही परिवार के लोगों को गाड़ी से बाहर निकाल लिए। इस तरह से उनकी जान बच गई।
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