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संक्रांति पर उज्जैन में हुई ‘लक्ष्मी-नारायण’ की अनोखी शादी; तीन दिन चली विवाह की रस्में!

मकर संक्रांति पर एक अनोखी शादी हुई, जिसमें गाय को दुल्हन और बैल को दूल्हा बनाया गया। यह कोई मामूली शादी नहीं थी, इसमें आम शादियों की तरह डीजे, बारात, रिसेप्शन, हल्दी, फेरे के साथ सारी रश्में निभाई गईं। हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई इस शादी के बाद गाय ‘लक्ष्मी’ और ‘नारायण’ एक दूसरे के लिए हो गए।

दरअसल, मप्र की धार्मिक नगरी उज्जैन के देवास रोड स्थित पुलिस लाइन के समीप पुलिस सामुदायिक केंद्र में सनातन धर्म के अनुसार ‘लक्ष्मी’ और ‘नारायण’ की शादी हुई। इस शादी में हल्दी, मेहंदी, माता पूजन, गणेश पूजन जैसी सभी रस्में निभाई गईं। मेहमानों के लिए रिसेप्शन का आयोजन किया गया, जिसमें तरह-तरह के व्यंजन परोसे गए। फेरे के दौरान जमकर शहनाई भी बजाई गई।

‘लक्ष्मी’ और ‘नारायण’ की शादी कराने के वाले रिटायर्ड एएसआई के बेटे एडवोकेट अभिषेक बैरागी ने बताया कि तीन साल की लक्ष्मी घर में सबकी लाडली है। वह घर में परिवार के सदस्यों की तरह रहती है। उसके लिए अलग से एक कमरा भी है। हमने लक्ष्मी को बचपन से बहुत प्यार से पाला है, अब उसकी धूमधाम से शादी कराई है। विवाह की रस्में 12 जनवरी से शुरू हुई थीं। सबसे पहले हवन हुआ। 13 जनवरी को हल्दी, मेहंदी, मंडप, माता पूजन और गणेश पूजन बड़ी धूमधाम से मनाया गया। अंतिम दिन 14 जनवरी मकर संक्रांति को सुबह 9 बजे बारात आई और विवाह समारोह की शुरुआत हुई, जो दोपहर तक चला।

आयोजन के दौरान लक्ष्मी को लेने बैंड-बाजे के साथ नंदी नारायण की बारात आई। बैंड-बाजे के साथ निकली बारात विवाह स्थल पर पहुंची। यहां वधू यानी लक्ष्मी के पक्ष की ओर से बैरागी परिवार ने बारातियों का स्वागत किया। इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच शादी की रस्में निभाई गईं। विवाह को वृषभोत्सव नाम दिया गया।

पूजा बैरागी ने बताया कि हमनें बचपन से  लक्ष्मी को बहुत लाड़ से पाला था। अब उसे कन्या के समान मानकर कन्यादान करने का सौभाग्य मिला। मेरी बेटी का विवाह हुआ है, भले ही आंखों में आंसू हैं, लेकिन मन बहुत प्रसन्न है। आज मेरे घर की लक्ष्मी, नारायण के परिणय सूत्र में बंधी है।

तीन दिन चली विवाह की रस्में

विवाह की रस्में 12 जनवरी से शुरू हुई। सबसे पहले हवन किया गया। इसके बाद 13 जनवरी को हल्दी मेहंदी मंडप, माता पूजन और गणेश पूजन हुआ। 14 जनवरी मकर संक्रांति को सुबह बैंड बाजों के साथ 9 बजे बारात आई। बारात का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक विवाह की रस्में पूरी की गई।