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उज्जैन; साल के अंतिम दिन उमड़ी भक्तों की भीड़; मस्तक पर त्रिशूल और डमरू से सजे महाकाल!

श्री महाकालेश्वर मंदिर में 2024 की अंतिम भस्म आरती धूमधाम से संपन्न हुई। पौष माह की प्रतिपदा तिथि पर बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे और उन्हें गर्म जल, पंचामृत अभिषेक के बाद विशेष शृंगार से सजाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि मंगलवार पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। उसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज बाबा महाकाल का पूजन सामग्री से विशेष शृंगार किया गया। उसके बाद फिर पूजन अर्चन के बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का ऐसा शृंगार देख सभी अभिभूत हो गए। बाबा महाकाल के इस आलौकिक स्वरूप को सभी ने निहारा। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया। वर्ष का अंतिम दिन होने से आज मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है।