उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। आने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस जवानों और एसडीईआरएफ (SDERF) की टीम की ड्यूटी लगाई गई है।
सोमवती अमावस्या का धार्मिक नगरी उज्जैन में विशेष महत्व है। सोमवार को सोमवती अमावस्या होने के कारण शिप्रा नदी के साथ-साथ पुल के दूसरी ओर सोमतीर्थ पर कुंड में स्नान करने की परंपरा है। शिप्रा घाट पर रहने वाले पंडितों ने घाट के ऊपर स्थित धर्मशाला में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया।
सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विधान
सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान करने और इसके उपरांत श्री सोमेश्वर-जलपेश्वर महादेव के दर्शन व पूजन का विधान है। मान्यता है कि इससे मनुष्य की जन्म पत्रिका में मौजूद चंद्रमा के दोष समाप्त हो जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन के बाद बाहर बैठे भिक्षुकों को दान-पुण्य किया।
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