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बचपन में लगा करंट, 6 महीने रहे कोमा में; संघर्ष भरी है कपिल की कहानी!

मध्य प्रदेश के सीहोर के रहने वाले कपिल परमार ने पैरिस पैरा ओलंपिक में जूडो में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा. कपिल परमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों ने बधाई दी. साथ ही सोशल मीडिया पर बधाई देने के लिए तांता लग गया.

कपिल ने पुरुष 60 किग्रा जे1 स्पर्धा के कांस्य पदक मुकाबले में ब्राजील के एलीलटन ओलिवेरा को 10-0 से हराया और कांस्य जीतने में सफल रहे.

पैरा-जूडो में पदक जीतने वाले पहले भारतीय

कपिल परमार ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया क्योंकि वह भारत के पहले जूडोका हैं जिन्होंने पैरालंपिक या ओलंपिक में कोई पदक अपने नाम किया है. कपिल ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में पुरुषों के पैरा-जूडो 60 किग्रा वर्ग में ब्राजील के एलीलटन ओलिवेरा को 10-0 से हराकर कांस्य पदक जीता.

भारत ने जीता 25वां मेडल

कपिल परमार के कांस्य पदक जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि से भारत के पदकों की संख्या 25 हो गई है. जिसमें 5 स्वर्ण, 9 रजत और 11 कांस्य शामिल हैं. भारत वर्तमान में पदक तालिका में 13वें स्थान पर है.

पीएम मोदी ने दी बधाई

कपिल परमार के पदक जीतने के बाद पीएम मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है. पीएम ने अपने एक्स अकाउंट से की गई एक पोस्ट में लिखा, ‘एक बहुत ही यादगार खेल प्रदर्शन और एक विशेष पदक कपिल परमार को बधाई, क्योंकि वे पैरालंपिक में जूडो में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. पैरालिंपिक 2024 में पुरुषों की 60 किग्रा जे1 स्पर्धा में कांस्य जीतने के लिए उन्हें बधाई. उनके आगे के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं’.

कपिल को करंट लगने से आंखों की रोशनी गायब

गौरतलब है कि 12 साल की उम्र में करंट लगने के कारण कपिल की आंखें 80 प्रतिशत तक खराब हो गई थीं. जिंदगी के इस अंधरे में कपिल ने उम्मीद की रोशनी ढूंढी ओर जूडो में हाथ आजमाना शुरू किया. एक तरफ गरीबी और दूसरी आंखों से परेशान कपिल के पिता ने हिम्मत नहीं हारी. कपिल को हरसंभव सुविधा देने के लिए लिए पिता ने कुछ दिन तक टैक्सी चलाई. इसके बाद चाय की दुकान खोल ली. इस दौरान कपिल के पिता ने हम्माली करने के अलावा ईंट-भट्ठों पर भी मजदूरी की. कपिल की मां भी कभी कंडे पाथकर तो कभी अन्य स्रोतों से हल्की-फुल्की कमाई करती रही.