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भोपाल में हथिनी ने युवक को कुचलकर मार डाला!

भोपाल के छोला मंदिर स्थित भानपुर ब्रिज के पास बुधवार रात एक हथिनी ने अपनी ही टोली के साथी को कुचलकर मार डाला। युवक 18 लोगों की टोली के साथ बुधवार को ही भोपाल आया था। रात को सभी लोग भानपुर ब्रिज के पास विश्राम कर रहे थे। देर रात एक व्यक्ति की नींद खुली तो देखा तो उसका साथी हथिनी के पास मृत हालत में पड़ा हुआ है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेजा। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश साथियों को सौंप दी गई, जिसे लेकर वे सतना के लिए रवाना हो गए।

पुलिस के मुताबिक नरेंद्र कपाडिय़ा (36) मूलतः ग्राम सलैया, थाना नागौद जिला सतना का रहने वाला था। वह अपने साथियों के साथ हथिनी (ननकी) को लेकर अलग-अलग स्थानों पर घूमकर भिक्षा मांगने का काम करता था। पूरी टोली बुधवार को ही भोपाल पहुंची थी। दिनभर घूमने के बाद शाम के समय यह टोली भानपुर स्थित ब्रिज के पास पहुंची और मल्टी के सामने ठहर गई। रात को सभी लोगों ने भोजन बनाया और खाया। उसके बाद 9 बजे के आसपास सभी लोग सो गए। महावत प्रमोद पाल हथिनी की गद्दी पर सोया था, जबकि बाकी लोग अलग-अलग सो रहे थे।

नरेंद्र के फूफा भूपेंद्र कुमार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे अचानक नींद खुली तो देखा कि अंधेरे में कोई साथी हथिनी के काफी नजदीक लेटा है। उधर हथिनी भी चिंघाड़ रही थी।बताया जाता है कि हथिनी ने सूंड से उठाकर युवका को पहले पटका है, बाद में पैर से कुचल दिया। भूपेंद्र ने आवाज लगाकर उसे दूर होने का बोला, लेकिन वह नहीं हटा। उसके बाद भूपेंद्र मोबाइल की टार्च जलाकर नजदीक पहुंचे तो देखा कि उनका भतीजा नरेंद्र कपाडिय़ा हथिनी के पास मृत हालत में पड़ा हुआ था। उसकी नाक और कान से खून निकला था और हाथ पर भी चोट थी। भूपेंद्र ने सभी साथियों को उठाया और घटना की जानकारी दी। तब तक मल्टी के गार्ड ने डायल 100 को सूचना दे दी थी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पीएम के लिए मर्चुरी भेज दिया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश साथियों को सौंप दी गई, जिसे लेकर वह सतना के लिए रवाना हो गए। घटना के समय टोली के साथी आसपास ही सो रहे थे, लेकिन किसी ने घटना होते नहीं देखी। उन्होंने बताया कि महावत की अनुमति से ही कोई व्यक्ति हाथी के पास जा सकता है। महावत प्रमोद गहरी नींद में था, उस वक्त नरेंद्र नजदीक पहुंचा होगा, जिससे हथिनी को खतरा महसूस हुआ होगा और उसने पैरों से उसे कुचल दिया होगा। महावत जाग रहा होता तो इस प्रकार की कोई घटना नहीं होती।