निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब उन पर एक और मामला दर्ज किया गया है। जयपुर में रहने वाले महामंडलेश्वर संत नर्मदाशंकर पुरी महाराज ने थाना महाकाल में उनके खिलाफ 8,90,000 रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करवाया है। ये राशि उन्होंने पिछले सात महीने में अलग-अलग किस्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की।
महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने शुक्रवार को उज्जैन पहुंचकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज को इस बारे में बताया। इसके बाद महाकाल थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई। मंदाकिनी पर धोखाधड़ी का यह दूसरा केस दर्ज किया गया है।
इससे पहले निरंजनी अखाड़े के ही महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था, ‘महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मैंने मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद मैंने रकम वापस मांगी। मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया।’
जयपुर के रहने वाले महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर शुक्रवार दोपहर उज्जैन पहुंचे। उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मुलाकात की। कहा, ‘31 मार्च 2023 को उज्जैन में आश्रम के नागचंद्रेश्वर धाम में मुझे महामंडलेश्वर की उपाधि मिली थी। कुछ दिन बाद मंदाकिनी ने फोन किया और अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का प्रलोभन दिया।
मंदाकिनी ने कहा कि अखाड़े में प्रमोशन हो जाएगा लेकिन 10 से 12 लाख रुपए लगेंगे। मैंने उनको बताया कि मैं निजी स्कूल के शिक्षक से संत बना। मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब पैसे आते जाएं, भेजते रहना।
मैंने पिछले 7 महीने में 8 लाख 90 हजार रुपए मंदाकिनी के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इस दौरान मंदाकिनी ने दूसरे लोगों के अकाउंट नंबर भी दिए लेकिन मैंने पैसे ट्रांसफर करने से मना कर दिया।’
कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की
उपाधि दिलाने के लिए पैसे लेने का मामला सामने आने के बाद मंदाकिनी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद मंदाकिनी ने 7 मई की सुबह 11 बजे कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की। वे फिलहाल जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। वे किसी को पहचान नहीं पा रही हैं, इस कारण पुलिस उनके बयान नहीं ले सकी है।
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